अहिरवाल क्षेत्र के किसान भी धीरे-धीरे एक जुट होने लगे. किसान पूरे देश और देशवासियों के लिए है अन्नदाता फतह सिंह उजाला पटौदी। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि कानून को रद्द कराने की मांग के समर्थन को लेकर धरने पर बैठे किसानों के पक्ष में अहिरवाल क्षेत्र के किसान भी धीरे-धीरे एक जुट होने लगे है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर अहीरवाल के ही फर्रुखनगर इलाके के सैंकड़ों किसान अपने ट्रेक्टरों पर राष्ट्रीय ध्वज और किसान आंदोलन का झंडा लगा कर अनाज मंडी फर्रुखनगर पहुंच गए। किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानून के विरोध करते हुए, किसानों ने देश भक्ति के गीतों की धुन पर थिरकते हुए ट्रैक्टर रैली निकाली। ट्रैक्टर रैली में किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था ना हो इसके लिए थाना प्रभारी बिरेंद्र खत्री के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौजूद था। वहीं किसानों का भी इस बात पर विशेष ध्यान था कि किसी भी तरह उनकी रैली बिना उपवाद के सफल हो। रैली के दौरान जाम ना लगे इसके लिए पुलिस द्वारा पहले ही व्यवस्था कर दी गई थी। करीब दो घंटे तक इलाके के किसान के किसानों ने पूरे उत्साह के साथ शांति पूर्वक रैली निकाली। किसान धर्मपाल प्रधान, कृष्ण शर्मा, राजबीर शर्मा, धर्मेंद्र सहरावत, सुनील यादव, राव महेंद्र सिंह, बलराज सिंह, लालचंद सैनी, ईश्वर पहलवान, सरपंच इंद्रजीत शर्मा, ईश्वर पहलवान, सरपंच सुभाष चंद्र आदि का कहना है कि यह भारत के इतिहास में पहला अवसर है कि देश का जवान और किसान दोनों की गणतंत्र पर्व पर आजादी के मतवालों को अपने अपने अंदाज में श्रद्धांजलि देने और उत्साह पूर्व पर्व मनाने के लिए एक साथ उतरे है। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापी कोरोना महामारी के समय में किसान की गेंहू, ,सरसों व अन्य फसल तैयार नहीं होती तो देश में काला बाजारी पर अंकुश लग पाना मुशकिल था। किसान पूरे देश और देशवासियों का अन्नदाता है। लेकिन सरकार ने कृषि और किसान विरोधी कानून बना कर जबरन थोपते हुए किसान-मजदूर की कमर तोड़ने का काम किया है। आज पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है। अन्होंने भी किसानों के सर्मथन में शांति प्रिय तरीके से ट्रैक्टरों पर तिरंगा ध्वज लगा कर रैली निकाली है। यह किसान रैली अनाज मंडी सें शुरु होकर पटौदी रोड, फिरनी, झज्जर रोड, बाइपास होते हुए छतरी पर सम्मपन हुई। Post navigation कोरोना योद्धाओं को समर्पित रहा गणतंत्र दिवस समारोह बाल योगियों के योगा देख लोगों ने दांतों तले दबाई उंगलिया