भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक बादशाहपुर विधानसभा से रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए राकेश दौलताबाद की पहली पहचान परिवर्तन संघ नाम का संगठन है और उसी संगठन द्वारा वह क्षेत्र में विख्यात हुए हैं तथा उस संगठन के रॉल मॉडल शहीदे आजम भगत सिंह हैं। राकेश दौलताबाद ने इस संगठन के सहारे अनेक सामाजिक कार्य किए, जिस कारण लोगों में उनकी विश्वसनीयता बढ़ी, खासकर युवा वर्ग में और यह उम्मीद जगी कि यह छोरा जरूर परिवर्तन लाएगा और चुनाव में इन्होंने दिखा दिया कि जहां गुरुग्राम से मोदी लहर में सुधीर सिंगला जैसे विजयी हो गए, जिनका कोई इससे पूर्व राजनीति में या सामाजिक कार्यों में नाम भी नहीं था, वहां उन्होंने भाजपा के युवा के प्रदेश अध्यक्ष मनीष यादव को धूल चटाई। लोगों में बहुत खुशी हुई कि अब राकेश हमारे कार्य करेगा और गुरुग्राम की सामाजिक, भौगोलिक, आर्थिक स्थिति ऐसी है कि सरकार के विरोध में रहकर भी सरकार यहां के विकास कार्य नहीं रोक सकती। ऐसी अवस्था में जनता को हैरानी हुई जब उन्होंने मनोहर सरकार को अपना समर्थन दे दिया और चेयरमैन पद स्वीकार कर लिया। आज जब से खाप पंचायतों ने निर्णय लिया है कि किसानों के साथ रहेंगे और सभी निर्दलीय उम्मीदवारों से यह अपील की है कि वे सरकार से अपना समर्थन वापिस ले लें। अब देखना यह होगा कि राकेश दौलताबाद खाप पंचायत की अपील को अनदेखा करते हैं या उसे मानते हैं। वर्तमान में जो परिवेश बना हुआ है, उसमें अधिकांश जनता किसानों के साथ है और जाहिर ही तौर पर किसानों का आंदोलन सरकार के खिलाफ है तो वह सरकार के भी खिलाफ है। दिखाई दे रहा है कि भाजपा के मंत्रियों को काले झंडे दिखाए जा रहे हैं और यह माना जाता है कि जो इस समय सरकार को समर्थन करेगा, उसका आने वाला समय राजनीतिक रूप से बेहतर नहीं हो सकता तो इन परिस्थितियों में यह कयास अवश्य लगाया जा सकता है कि राकेश दौलताबाद जोकि आर्थिक रूप से भी समृद्ध हैं, क्या पद का लालच करेंगे या जनता और खाप के साथ जाते हुए भाजपा सरकार से समर्थन वापिस लेंगे? वैसे निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान जिनके पास चेयरमैन पद था, उन्होंने पद से इस्तीफा देकर भाजपा सरकार से समर्थन वापिस ले लिया। इसी प्रकार निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू लगातार किसानों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। Post navigation कॉविड 19 अपडेट…पांच मौत के साथ हुई दिसंबर माह की शुरुआत विश्व एड्स दिवस की मुहिम में 15 दिन का जागरुकता पखवाड़ा कार्यक्रम