एमबीबीएस कोर्स की फीस वृद्धि के विरोध में कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन

भिवानी/मुकेश वत्स  

एमबीबीएस की पढ़ाई महंगी करने के राज्य सरकार के फैसले के विरोध में कांग्रेस ने आज डीसी के मार्फत राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राज्यपाल से फीस बढ़ोतरी के निर्णय को तुरंत रद्द करने का निर्देश राज्य सरकार को देने की मांग की गई है।

ज्ञापन से पहले कांग्रेसियों ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्म दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। आज वीरवार सुबह कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता लघु सचिवालय के सामने चौधरी सुरेंद्र सिंह मेमोरियल पार्क में एकत्रित हुए। पूर्व कैबिनेट मंत्री किरण चौधरी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के दिशा-निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम की अगुवाई वरिष्ठ नेता अमर सिंह हलवासिया ने की। पार्क में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चित्र पर कांग्रेसियों ने माल्यार्पण कर उन्हें याद किया।

इसके बाद नेता-कार्यकर्ता लघु सचिवालय पहुंचे और डीसी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन एसडीएम महेश कुमार ने रिसीव किया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हरियाणा के अस्पताल डाक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। लेकिन, सरकार ने हाल ही में एक छात्र-विरोधी फैसला लेकर गरीब बच्चों का डाक्टर बनने का सपना भी तोड़ दिया है। भाजपा-जजपा सरकार ने सरकारी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई को अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों और गरीबों की पहुंच से बाहर कर दिया है। राज्य सरकार का यह निर्णय युवा व गरीब विरोधी है तथा निजी मेडिकल कॉलेज की मदद के लिए किया गया है।

ज्ञापन में बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई की फीस सालाना 53 हजार रुपये थी। इसके साथ 15-20 हजार हॉस्टल की फीस होती थी। अब सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए फैसले के अनुसार हर साल दस लाख रुपये का बांड भरवाया जाएगा। जिसमें से 80 हजार रुपये सालाना फीस कटेगी। इस फीस में हर साल दस प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। इस हिसाब से 4 साल में अब यह फीस 40 लाख रुपये प्रति विद्यार्थी होगी। हर विद्यार्थी को 3,71,280 रुपये फीस अपनी जेब से देनी होगी और इसके साथ-साथ 36,28,720 रुपये लोन चुकाना होगा। इस प्रकार यह कुल राशि 40 लाख रुपये बनती है। इस लोन पर ब्याज की राशि अगर 6 प्रतिशत सालाना के हिसाब से लगाएं तो हर विद्यार्थी को लगभग 55 लाख रुपये चुकाने होंगे। यह राशि सात साल में चुकानी अनिवार्य होगी। प्रदेश सरकार गरीब विद्यार्थियों को निजी मेडिकल कॉलेज की तरफ धकेलना चाहती है।

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