बंटी शर्मा सुनारिया

वर्तमान में बरोदा का विधानसभा उपचुनाव हरियाणा में चर्चा का विषय बना हुआ हैं क्योंकि इस चुनाव में कांग्रेस V/S बीजेपी + जेजेपी के उम्मीदवार की सीधे सीधे टक्कर हैं फैसला भविष्य पर टिका हुआ हैं

इस उप चुनाव में कांग्रेस पार्टी की टिकट के बटवारे के साथ ही हरियाणा के कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओ के द्वारा खुल कर बात सामने आ रही हैं की जिस तरह से बरोदा के उपचुनाव में कांग्रेस ने हल्के का लोकल उम्मीदवार उतारा हैं ऐसा हरियाणा की 90 विधानसभा सीट पर होना चाहिए क्योंकि लोकल उम्मीदवार हल्के की समस्याओ से वाकिफ होता हैं जबकि बाहरी उम्मीदवार हल्के में सिर्फ वोट लेने आता हैं और चुनाव जितने के बाद हल्के में कभी कभार ही आता हैं और पूरा 5 साल हल्के के पार्टी के कार्यकर्ता विधायक जी को ढूढ़ते रहते हैं और पार्टी की हार के कारण या पार्टी के किसी बड़े नेता की शर्म के कारण पार्टी के कार्यकर्ता मजबूरी में वोट डालते हैं

कांग्रेस पार्टी द्वारा हरियाणा की कई विधानसभा सीट पर ऐसा देखने को मिलता हैं जहां कलानौर हल्के से कांग्रेस की विधायक जिसने कल बरोदा में दिए भाषण में भी कहा हैं की वह बरोदा गांव की बेटी हैं। और धनाना गांव की बहु हैं फिर उसका कलानौर हल्के से क्या लेना देना हैं और वही विधायिका जी बनने के बाद कभी कभी ही हल्के में आती हैं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओ द्वारा ढूढंने पर मिलती ही नही हैं जिसके कारण कांग्रेस पार्टी के हल्के के कार्यकर्ता भी अपने आप को ढगा ढगा सा महसूस करते हैं

ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस पार्टी द्वारा कुछ अन्य विधानसभा क्षेत्र में किया जा रहा हैं जिसमे धर्म सिंह छोक्कर इसराना से हैं लेकिन विधानसभा चुनाव समालखा विधानसभा सीट से लड़ते हैं वही राव दान सिंह का गांव भिवानी के पास प्रह्लाद गढ़ हैं लेकिन विधानसभा चुनाव महेंद्रगढ़ से लड़ते हैं

कांग्रेस पार्टी के आलाकमान को यह समझना होगा की बरोदा उपचुनाव के लोकल उम्मीदवार की तरह प्रत्येक विधानसभा सीट पर कार्यकर्ताओ की मांग पर और उनकी भावनाओ को समझते हुए हल्के से लोकल उम्मीदवार उतारा जाये ताकि कांग्रेस पार्टी के आम कार्यकर्ता का विश्वास पार्टी में बना रह सके कांग्रेस पार्टी के आम कार्यकर्ताओ द्वारा धीरे धीरे ये मांग जोर। भी पकड़ सकती हैं

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