— सत्ता का अहंकार या कानून की धज्जियां? विपक्ष पर सख्ती, भाजपा पर नरमी से उठे भड़कते सवाल

रेवाडी/चंडीगढ़, 30 नवंबर 2025। हरियाणा के railway स्टेशनों पर भाजपा के “आत्मनिर्भर भारत अभियान” को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ने रेलवे स्टेशनों को राजनीतिक अखाड़ा बना दिया, वह भी बिना किसी वैध अनुमति के।
विद्रोही ने तीखा सवाल दागा—“क्या भाजपा नेताओं ने रेलवे विभाग से अनुमति ली थी या सत्ता के घमंड में रेलवे स्टेशनों पर जबरन कब्ज़ा जमाया?”
बिना टिकट रेलवे स्टेशनों में घुसे भाजपा कार्यकर्ता?
विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरे लाव-लश्कर के साथ रेलवे परिसरों में घुसकर न केवल यात्रियों को परेशान किया बल्कि नियमों को ताक पर रखकर राजनीतिक नौटंकी की।
उन्होंने पूछा—
- “क्या भाजपा के लोग प्लेटफॉर्म टिकट लेकर आए थे?”
- “या फिर सत्ता की ताकत दिखाते हुए बिना टिकट और बिना रोकटोक जबरन घुसे?”
रेलवे स्टेशनों पर होर्डिंग—किसके आदेश पर लगे?
विद्रोही ने कहा कि रेलवे स्टेशनों की दुकानों, स्टॉलों और सार्वजनिक स्थानों पर भाजपा द्वारा लगाए गए होर्डिंग कानूनन पूरी तरह अवैध दिखते हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए पूछा—
“क्या रेलवे अब भाजपा का निजी कार्यालय बन चुका है?
किस नियम के तहत स्टेशनों पर राजनीतिक प्रचार सामग्री लगाने की इजाज़त दी गई?
क्या भाजपा ने रेलवे को फीस दी, या सिर्फ सत्ता की ताकत दिखाई?”
रेलवे पुलिस की ‘खामोशी’ पर विद्रोही का हमला
विद्रोही ने रेलवे पुलिस और रेलवे विभाग की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष किसी नीति का विरोध करता है, तो रेलवे पुलिस तुरंत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करती है।
“लेकिन भाजपा नेताओं पर कोई एफआईआर नहीं? क्या रेलवे पुलिस भाजपा का सुरक्षा कवच बन चुकी है?” — विद्रोही का आरोप।
“दो कानून नहीं चलेंगे”—विद्रोही की चेतावनी
विद्रोही ने मांग की कि—
- बिना अनुमति राजनीतिक कार्यक्रम चलाने वाले भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर तुरंत एफआईआर दर्ज हो,
- सीसीटीवी फुटेज खंगालकर बिना प्लेटफॉर्म टिकट वालों से जुर्माना वसूला जाए,
- रेलवे परिसर का राजनीतिक इस्तेमाल रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई हो।
उन्होंने साफ कहा— “भाजपा कानून से ऊपर नहीं है। देश में दो कानून नहीं चलेंगे—एक सत्ता वालों के लिए, दूसरा विपक्ष के लिए।
रेलवे स्टेशनों पर भाजपा का कब्ज़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”








