पंजाब के कानूनों का कोई आधार नहीं, पंजाब के किसान से छीन ली आजादी : धनखड़. माल मोदी का और कमाल कैप्टन का ,पंजाब ने कानून उन्ही फसलों पर क्यों लागू किए, जिनकी खरीद केंद्र सरकार करती है ? : धनखड़. दलहन और तिलहन की खरीद पर पतली गली से निकल लिए कैप्टन-धनखड़ चंडीगढ़, 21 अक्तूबर 2020 – पंजाब कि कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को जो बिल पास किए है उन कानूनों का कोई आधार नहीं है, इन कानूनों के जरिए पंजाब ने अपने किसानों कि आजादी को छीन लिया ये बात हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने बुधवार को चंडीगढ़ स्थित भाजपा कार्यालय में पंजाब सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही l उन्होंने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा लाए गए कानून समाधान नहीं है किसानों के लिए बंधन है l उन्होंने कहा कि सरकारी ख़रीद सम्पन होने बाद यदि किसी किसान ने फसल रखी हुई है, और बादर भाव एमएसपी से कम रह गया तो उसे ख़रीददार ही नहीं मिलेगा । ऐसे में पंजाब सरकार की एक दुकान हर मंडी में एमएसपी ख़रीद के लिये 12 महीना चाहिये । अन्यथा यह क़ानून काग़ज़ टुकड़ा मात्र है । अगर ऐसा नहीं है तो किसान अपनी उपज आपसी सहमति से किसी व्यापारी को कम पर बेच दे और कल को आपसी सहमति बिगड़ जाए तो पंजाब के लगभग हर व्यापारी पर मुकदमे दर्ज होंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस किसानों को भ्रम में डालकर अपनी राजनितिक चालें चल रही है, नहीं तो ऐसा ही क्यों कि पंजाब कि अमरेन्द्र सरकार ने केवल उन्ही फसलों को केन्द्रित करके कानून बनाया जो केंद्र सरकार खरीदती है l जिन दलहन और तिलहन कि फसलों को राज्य सरकार खरीदती है, उन पर एम एस पी कि गारंटी को लेकर पंजाब सरकार पतली गली से निकल गई l उन्होंने कहा कि केंद्र पंजाब में धान कि खरीद के लिए लगभग 32 हजार करोड़ और हरियाणा में साढ़े 12 हजार करोड़ खर्च करता है l फिर भी केवल केंद्र का विरोध करने के नाम पर अपने प्रदेश के किसानों की आजादी छीनते हुए कानून बनाना तर्कसंगत नहीं है l उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने कही भी खरीद की गारंटी नही दी है कि केंद्र की खरीद के बाद कौन ख़रीददार होगा क्योंकि जिन फसलों को पंजाब सरकार खरीदती है उन पर किसानों को भ्रम में रखा जा रहा है । धनखड़ ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार के इन कृषि कानूनों से किसान और व्यापारियों में विवाद बढ़ने के रास्ते खुल गए है l विवाद के डर से सरकारी खरीद बंद होने के बाद किसान को अपनी फसल का खरीदार ही मिलना मुश्किल हो जाएगा जिससे केवल किसान की परेशानी बढ़ेगी l पंजाब सरकार ने किसान कि परेशानियाँ बढ़ाने का काम किया है l उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है l कांग्रेस शासित राज्यों में केवल केंद्र सरकार का विरोध करने के नाम पर राजनितिक पैतरेबाजी हो रही है l किसानी और किसानों से इनका कोई सम्बन्ध नहीं है l जिस एम एस पी के कानून को केंद्र सरकार ने छेड़ा भी नहीं पंजाब सरकार ने उसके लिए कानून बनाया, जो समझ से परे है l देश भर में एम एस पी पर खरीद हो रही है, मंडियां यूँ ही चल रही है फिर भी एक डर किसानों के जहन में डाला जा रहा है l किसानों के विवाद से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि देश में न्यायपालिका स्वतंत्र इकाई है उस पर पाबंदियां नहीं लगाई जा सकती l इसलिए ही केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े विवाद के लिए एस डी एम को इसके निपटान करने का अधिकार दिया है l कम से कम समय में विवाद का निपटान स्थानीय स्तर पर होने से किसान का समय और पैसा दोनों बचेगा और जल्दी न्याय भी मिलेगा l केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून किसान कि मर्जी के कानून है जिनकी सिफारिश खुद स्वामीनाथन साहब ने अपनी रिपोर्ट में की थी l केंद्र सरकार ने ये कानून उन प्रगतिशील किसानों के लिए बनाएं है जो कृषि को बड़े और व्यापारिक स्केल पर करना चाहते है l आम किसान के लिए सारी व्यवस्थाएं पहले कि तरह ज्यों कि त्यों रहेगी l बरोदा उपचुनाव में कपूर नरवाल के कांग्रेस के समर्थन पर बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि ऐसा पहली बार देखा गया कि कोई व्यक्ति अपना नामांकन वापस ले रहा है और उसके प्रचार के लिए फोटो लिए जा रहें है l कांग्रेस बरोदा उपचुनाव में अपने स्तर से गिर रही है l भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनाव में भी तीन खिलाडियों को मैदान में उतारा था l इस उपचुनाव में भी एक अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है l जिसने देश और प्रदेश का बहुत मान बढ़ाया है l उन्होंने कहा कि भाजपा बरोदा में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है l इस अवसर पर भाजपा नेता प्रवीन अत्रे, सरदार रमणीक सिंह मान और संजय आहूजा मौजूद रहे l Post navigation एमएसपी गारंटी पर पंजाब सरकार का फैंसला सराहनीय, हरियाणा सरकार भी करे अमल – बलराज कुंडू कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओ की मांग, हर विधानसभा हल्के का हो लोकल उम्मीदवार