चंडीगढ़, 30 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा की बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताते हुए राज्य सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचा पूरी तरह चरमरा चुका है—कभी निजी चिकित्सकों की हड़ताल, तो कभी सरकारी डॉक्टरों की पेन-डाउन स्ट्राइक ने आम लोगों को इलाज के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर कर दिया है।
सैलजा ने कहा कि सरकार की ओर से न संवेदनशीलता दिख रही है और न ही समाधान की कोई ठोस कोशिश। “जनता का जीवन सर्वोपरि है, स्वास्थ्य सेवाओं की अनदेखी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जा सकती,” उन्होंने दो टूक कहा।
वेंटिलेटर खरीद में भारी लापरवाही — 30% मशीनें खराब, 15 महीने से उपयोग शून्य
सांसद सैलजा ने हाल ही में सामने आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कोविड काल में हरियाणा को मिले 727 वेंटिलेटरों में से लगभग 30 प्रतिशत खराब पड़े हैं। हैरानी की बात यह है कि कई जिलों में पिछले 15 महीनों से एक भी मरीज को वेंटिलेटर सुविधा नहीं मिल सकी।
उन्होंने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये खर्च कर मशीनें तो खरीद ली गईं, लेकिन न उनका रख-रखाव किया गया और न विशेषज्ञ स्टाफ की नियुक्ति।
“यह सरकार की घोर लापरवाही का प्रमाण है, जिसने पूरे स्वास्थ्य तंत्र को मजाक बनाकर रख दिया है,” उन्होंने कहा।
डॉक्टरों की हड़ताल से सेवाएं ठप, ग्रामीण इलाकों में स्थिति और बदतर
कुमारी सैलजा ने कहा कि डॉक्टरों की लगातार हड़ताल और पेन-डाउन के कारण इमरजेंसी से लेकर सामान्य सेवाएं बाधित हैं।
ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी भयावह है—स्वास्थ्य सुविधाएं लगभग ठप, जिससे गरीब और कमजोर वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कई जिलों में मशीनें उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए प्रशिक्षित तकनीशियन तक नहीं हैं, जिससे उपकरण बेकार पड़े हुए हैं।
“सरकार तुरंत जिम्मेदारी तय करे, डॉक्टरों से वार्ता कर हालात सामान्य बनाए”
सांसद सैलजा ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा—
- डॉक्टरों से तुरंत प्रभावी वार्ता कर हड़ताल समाप्त कराई जाए।
- वेंटिलेटरों की तकनीकी जांच प्राथमिकता से हो।
- खराब मशीनों का तत्काल मेंटेनेंस सुनिश्चित किया जाए।
- स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही तय कर नीतिगत सुधार लागू हों।
“समय रहते सरकार नहीं जागी तो स्थिति और भयावह होगी”
कुमारी सैलजा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो सकती है।
“जनता इलाज के लिए तरस रही है और सरकार केवल दावे करने में लगी है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है।”








