10 सितम्बर 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि वे पहले ही दिन से कहते आ रहे है कि मनेठी एम्स के लिए पोर्टल पर जमीन लेने का हरियाणा भाजपा-खट्टर सरकार का फैसला एम्स निर्माण को एक सुनियोजित रणनीति के तहत लटकाना है।

विद्रोही ने कहा कि रेवाड़ी प्रशासन ने जो तथ्य रखे है, उनके अनुसार पोर्टल पर मिली 506 एकड़ जमीन एकमुश्त नही है। इस जमीन के बीच 40-50 पैच है और जब तक 200 एकड़े जमीन एकसाथ लगती नही मिलेगी, तब तक एम्स निर्माण शुरू नही सकता। यही बात मैं विगत एक साल से उठा रहा हूं कि पोर्टल पर एकमुश्त 200 एकड़ जमीन मिलना एक ऐसा कठिन कार्य है जो असंभव नही तो संभव भी बहुत मुश्किल है। मेरी आशंका सही साबित हुई है। जब तक बीच के पैच वाले किसानों ने अपनी नही दी तो एम्स निर्माण लटक जायेगा। 

विद्रोही ने सवाल किया कि भाजपा सरकार मनेठी एम्स निर्माण के लिए कथित स्वेच्छा से किसानों से पोर्टल पर जमीन लेने का घुमावदार रास्ता अपनाकर इस मुद्दे को जानबूझकर पोर्टल-पोर्टल का खेल बना रही है। सरकार के इस रवैये से यह संदेह स्वभाविक है कि भाजपा सरकार की मंशा एम्स निर्माण को लटकाने की है और उसकी नियत में खोट है। यदि एम्स निर्माण के प्रति सरकार ईमानदार व प्रतिबद्ध है तो वह घुमावदार रास्ता अपनाने की बजाय भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत किसानों की जमीन अधिग्रहित करने की प्रक्रिया क्यों शुरू नही करती? विद्रोही ने कहा कि जब अधिकांश किसान एम्स के लिए जमीन देने को तैयार है और सरकार कथित रूप से लेने को तैयार है तो भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन अधिग्रहण से सरकार क्यों भाग रही है? लोगों को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करके पूरे दक्षिणी हरियाणा को क्यों ठग रही है?

विद्रोही ने कहा कि यदि सरकार का यही हठपूर्ण रवैया रहा तो मनेठी में एम्स बनना एक मुंगेरीलाल का हसीन सपना बनकर रह जायेगा। ऐसी स्थिति में भाजपा सरकार लोगों को ठगने के लिए पोर्टल का खेल खेलने की बजाय भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत तत्काल भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू करे। 

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