न तो सेनेटाइज किया  और  न मास्क का इस्तेमाल कराया जा रहा 
पास वाले खरीददार बाहर और अंदर पहुंच रहे हैं खास.
रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक सब्जीमंडी का समय

फतह सिंह उजाला

पटौदी। राज्य सरकार के द्वारा घोषित सायं 7 से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू के समय के दौरान पटौदी के रामलीला मैदान सहित पुरानी सब्जीमंडी में खरीद-फरोख्त का समय,  कर्फ्यू का पालन अथवा उलंघन ? यह भी निश्चित बहस का विषय हो सकता है। लेंकिन इन सभी बातों से इतर पटौदी प्रशासन के द्वारा पुरानी अज्ञैर नई अस्थाई सब्जीमंडी के खरीद-फरोख्त का समय सब्जी आढ़ती, विक्रेता किसान और रिटेलर अथवा फुटकर सब्जी विक्रेताओं के लिए सुविधा से अधिक समस्या बनता आ रहा है।

स्थानीय प्रशासन के साथ ही मार्केट कमेटी प्रशासन के द्वारा पटौदी की दोनों मंडी , पुरानी मंडी में फल-फ्रूट और पटौदी रामलीला मैदान में सब्जी बिक्री की व्यवस्था की गई। कि विक्रेता, बाहर से आने वाले वाहन, स्थानीय सब्जी विक्रेता किसानों के वाहनों के साथ-साथ खरीददारों के पहुंचने से अधिक भीड़ न हो। इसके पीछे तर्क दिया गया कि सोशल डिस्टेंस का पालन सख्ती के साथ कराया जाए। लेकिन रात के अंधेरें में न तो सोशल डिस्टेंस का पालन संभव हो रहा, न ही कोविड 19 संक्रमण से बचाव के लिए दोनों ही मंडियों में प्रवेश करने वालों , वाहलों, रिक्शा रेहड़ी चालकों को न तो सेनेटाइज किया जा रहा है और अधिकांश के द्वारा मास्क का इस्तेमाल कराया जा रहा है। सबसे बड़ी और गंभीर संमस्या रामलीला अस्थाई मंडी में पानी के साथ ही जनसुुविधाओं की सुविधा है। ऐसे में आसपास में ही मूत्र सहित शौच के लिए जाना मजबूरी बन गया है।

रात 9 बजे ही लगती है भीड़
बेशक दोलो सब्जीमंडी फल और सब्जी के लिए समय रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक तय किया गया है। लेकिन आसपास के सब्जी उत्पादक और बाहर से आने वाले मंडी में पहले घुसने के लिए 9-10 बजे ही पहुंच लेेते है। प्रशासन की तरफ से रामलीला मैदान मंडी के गेट पर पुलिस बल तैैनात है, जिनकी संख्या रात 12 बजे तक 10-12 तक डंडों से लैस होकर पहुंच जाती है। अब शुरू होता है प्रशासन द्वारा सब्जी खरददारों के लिए जारी पास दिखाकर अंदर प्रवेेश करने का समय। तो कथित रूप से पुलिस गेट से अंदर ही जाने से रोकते हुए बुरी तरह से दूर तक खदेड़ना शुरू कर देती है। प्रशासन के द्वारा जारी पास केवल खानापूर्ति ही बनकर रह गए है। ऐसे में सब्जी उत्पादक किसानों सहित फुटकर पासधारी सब्जी विक्रेताओं के सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट गंभीर होता आ रहा है।

4 बजे खरीदो, 9 बजे लगाओ, 4 बजे समेटो
कर्फ्यू समय के दौरान सब्जीमंडी से परिवार के भरण-पोषण के लिए सब्जी की खरीददारी करने और बिक्री करने वाले  कई फुटकरों ने नाम नहीं लिखने की गुहार लगाते सवाल किया कि, मंडी से अंधेरे 4 बजे सब्जी लाओ, बाद में ठिकाना पर 9-10 बजे तक सब्जी को साफकर पानी में धो करके अलग-अलग रखो। आधा बाजार खुलने से ग्राहकी भी नहीं है। सायं को साढ़े तीन बजते ही ठिकाना-दुुकान से सारी सब्जी समेटकर अपने घर लौटने के लिए सरकार-प्रशासन ने मजबूर किया हुआ है। रोजाना आधे से ज्यादा सब्जी बेकार हो रही है। 

चूहे-बिल्ली वाला दांव खेलना पड़ रहा   
आम आदमी घर में सब्जी बनाने के लिए सायं को 5-6 बजे के बाद ही निकलकर आते है। लेंकिन सब्जी की दुकान तो तबतक बंद करा दी जा रही है। सब्जीमंडी में भी सब्जी के लिए पास होने के बाद भी अंदर जाने के लिए चूहे-बिल्ली वाला दांव सब्जी विक्रेताओं को खेलना पड़ रहा है। गरमी में सब्जी वैैसे ही जल्दी खराब हो जाती है। सरकार और प्रशासन ऐसी व्यवस्था करे कि ग्राहक को बनाने के समय सब्जी फुटकर विक्रेता से आसपास  में मिल जाए और छोटे दुकानदार का नुकसान भी नहीं हो।

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