श्रम कानून मौलिक अधिकार इन्हें खत्म करना संविधान का उल्लंघन.
मजदूरों के पक्ष में आवाज उठाएं, देश निर्माण में बड़ा योगदान.
बीजेपी द्वारा दास प्रथा-बंधुआ मजदूरी दौर वापिस लाने की चाल

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
 कोरोना महामारी और अर्थव्यवस्था का संकट पूरी दुनिया में है, इससे हर देश प्रभावित है लेकिन किसी भी देश ने श्रम कानूनों को खत्म नही किया। केवल भारत ही ऐसा देश है जहां बीजेपी शासित राज्यों ने अध्यादेश जारी करके बड़े उद्योगपतियों को आर्थिक लाभ देने के लिए श्रम कानून को बेहद कमजोर कर दिया गया। केंद्र सहित बीजेपी शासित राज्य सरकारों पर श्रमिकों को दास व गुलाम बनाने की साजिश का आरोप लगाते हुए जिला पार्षद एवं कॉन्ग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने आरोप लगाते हुए यह बात कही है।

उन्होंने कहा कि श्रमिक अधिकार काफी संघर्षों के बाद मिले थे जिन्हें संविधान में मौलिक अधिकारों के रूप में शामिल किया गया था, इन्हें खत्म करना संविधान का उल्लंघन है। इस साजिश के पीछे बीजेपी सरकार की मानसिकता बहुसंख्यक आबादी को गुलाम व दास बनाने की है। वर्मा ने आरोप लगाया कि इस सरकार की मंशा धीरे धीरे संविधान को खत्म करने की है। ये कानून खत्म होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था के कोई मानक लागू नही होंगें, काम के स्थान पर घायल होने पर कम्पनी जिम्मेदार नही और कोई मुआवजा देने के लिए बाध्य नही।  8 घण्टे की बजाए 12 घण्टे काम करना होगा, कोई ओवरटाइम नही, मालिक जब चाहे बिना नोटिस के कभी भी किसी भी कर्मचारी को निकाल सकता है, श्रम विभाग और अदालतें भी इसमे कोई दखल नही दे सकेंगी।

जिला पार्षद सुनीता वर्मा ने बताया कि इस कानून के लागू होते ही मजदूर यूनियन बनाने, हड़ताल करने और मजदूरी बोनस या इंसेटिव बढाने की मांग भी मजदूर भाई नही कर सकेंगे। इस कानून से मजदूरों की हालात गुलामों सी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के पीछे बीजेपी का असली मकसद अब खुल कर सामने आने लगा है, इस महामारी में भी ये सरकार अपना छुपा एजेंडा लागू करने में लगी हुई है। इस आपदा में सरकार मजदूरों पर इमरजेंसी जैसे कानून लागू कर रही है। कॉन्ग्रेस नेत्री वर्मा के अनुसार बीजेपी की गरीब व श्रमिक विरोधी मानसिकता उजागर हो चुकी है ये सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए ही सारी नीतियां लागू करती है गरीब और मजदूर इसके लिए आज भी अछूत ही हैं। आज बीजेपी की जनविरोधी नीतियों के चलते देश मे अघोषित आपातकाल लागू है। उन्होंने सभी देश वासियों से देश निर्माण में विशेष योगदान देने वाले इन मजदूरों के पक्ष में आवाज उठाने का आह्वान भी किया है।

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