मौके पर पहुंचे मार्केट कमेटी सचिव, कराया तोल.
हैफेड के द्वारा की जा रही हैं मंडी में सरसों खरीद.
आढ़ती को 24 घंटे में देना हैं नोटिस का जवाब

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 जाटौली अनाजमंडी में बिक्री के लिए लाई गई सरसों को सरकारी एजेंसी की बोरियों में अधिक वनज में भरने का आरोप लगाते विक्रेता किसानों ने बवाल काटा। सरसों अधिक वनज में भरने का आरोप आढ़ती पर लगाते हुए रामपुर गांव के किसानों के द्वारा मोर्केट कमेटी पटौदी के सचिव नरेंद्र यादव को लिखित में अपनी शिकायत दे दी है। मामले की गंभीरमा को देखते हुए मार्केट कमेटी के सचिव के द्वारा आरोपी आढ़ती को नोटिस जारी करके 24 घंटे में अपना जवाब देने का समय दिया है। इससे पहले मार्केट कमेटी पटौदी के चेयरमैन डा बिजेंद्र यादव, हेलीमंडी व्यापार मंडल के अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल सहित शिकायतकर्ता रामपुर गांव के किसान राकेश और राममेहर सहित अन्य के सामने ही भरी गई सरसों की बोरियों का फिर से इलेेक्ट्रोनिक कांटे पर वजन कराने के साथ ही सरसों में खरीद एजेंसी के अधिकारियों के द्वारा नमी का भी जांच की गई।

सरसों विक्रेता किसानों के आरोपानुसार , वे धर्मकांटे की तोल के बाद अपनी सरसों लेकर पहुंचे। आढ़ती के द्वारा बोरियों में भरे गए कुल वनज तथा धर्मकांटे की तोल में अंतर होने के बाद शक होने पर जब फिर से इलेेक्ट्रोनिक कांटे पर बोरियों को तोला तो , प्रति बोरी औसतन आठ सौ ग्राम वनज अधिक पाया गया। यह तोल औैर भरत बीती सायं को हुआ, किसान अपने सामने माल की बोरियों में भरत और वनज नहीं कराने के मार्केट कमेटी प्रशासन के सवाल का जवाब नहीं दे सके। वहीं विक्रेता किसानों ने सभी के सामने इस बात को भी स्वीकार किया कि, व्यापार मंडल के अध्यक्ष दिनेश ने भी कहा था कि, सरसों का बोरियों में भरत व वजन अपनी माौजूदगी में किसान कराये। इधर आरोपी ठहराये गए आढ़ती का कहना है कि , सरसों में नमी और खरीद के बाद लदान होेनेे तक धूप से बजन भी कम हो जाता है, ऐसे में किसान की सहमति के बाद ही माल खरीदकर भरा गया, इधर किसानों के द्वारा बिक्री की गई सरसों में भी नमी औसतन दस पाई गई, जब कि यह आठ ही होनी चाहिये।

वहीं हैफेड के  स्थानीय प्रबंधक मनोज ने बताया कि लाॅक डाउन के कारण सरसों की भरत के लिए बारदाना नहीं आने के कारण किसानों की सुविधा के लिए ही गेंहू के बारदाने में सरसों की भराई करके सिलाई की जा रही है। गेंहू के 50 किलों के बारदाने में सरसों की 45 किलों तक ही भरत संभव है। अब देखना यह है कि आरोपी आढ़ती मार्केट कमेटी प्रशासन को नोटिस का क्या जवाब देंगे, कथित रूप से सरसों आढ़ती के द्वारा अपने लिए नहीं, सरकारी एजेंसी के लिए ही खरीद की है और भुगतान भी सीधा किसान को ही किया जाएगा। बहरहाल इस मामले में प्रबल आशंका व्यक्त की जा रही है कि, आरोपी आढ़ती पर ही मार्केट कमेटी प्रशासन के द्वारा नियमानुसार एक्शन संभव है। इस घटनाक्रम के बाद मंडी के आढ़तियों ने भी साफ कह दिया है कि, सरसों में आठ प्रतिशत से अधिक नमी होने पर किसी भी किसान की सरसों को खरीद एजेंसी के लिए नहीं लिया जाएगा। 

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