कोरोना मरीजों को सुविधाओं से वंचित करने के आ रहे मामले. अस्पताल से लेकर घर तक मरीज और उनके परिजन हो रहे परेशान

गुडग़ांव 11 मई. नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपील की है कि पूरे प्रदेश में कोरोना मरीजों के साथ लापरवाहियों के कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसे गंभीरता से लेते हुए सरकार को ऐसे मरीजों के साथ लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लये, जिससे कोरोना संक्रमित मरीजों को सही समय पर और सही इलाज मिल सके।

वशिष्ठ कुमार गोयल ने उदाहरण के तौर पर बताया कि अभी दो दिन पूर्व ही गुरुग्राम से एक मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक कोरोना योद्धा के संक्रमित हो जाने के बाद उसके पूरे परिवार को पहले तो ईएसआई अस्पताल सेक्टर-9 में भर्ती कराया गया, बाद में उन्हें अच्छे इलाज के नाम पर मेवात जैसे जिले में भेज दिया गया।

सबसे पहला सवाल तो यह उठता है कि क्या गुरुग्राम जैसे शहर में वह सुविधाएं नहीं थी जिस सुविधा के लिए इन मरीजों को मेवात भेजना पड़ा। इस तरह से मरीजों को रेफर करने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई हो जिससे कि कोरोना से संक्रमित होने वाले परिवार और मरीजों को सही तरीके से उपचार व सुविधाएं मिल सके।

श्री गोयल ने कहा कि जो भी लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं अगर उनको ठीक से उपचार नहीं मिला और लापरवाहियां इसी तरह बरती गई तो लोग अपनी बीमारी छुपाना शुरू कर देंगे। ऐसी स्थिति में बीमारी और भी ज्यादा फैलेगी। इस फैलने वाली बीमारी को रोकने के लिए सबसे पहले हमें उपचार संबंधी व्यवस्थाओं को ठीक करना होगा। मरीजों व उनके परिवार को ऐसी व्यवस्थाएं देनी होंगी और ऐसा व्यवहार करना होगा जिससे कि वह मानसिक स्थिति से ठीक रह सके और जल्द स्वस्थ्य हो सकें।

श्री गोयल ने मुख्यमंत्री से की अपील में कहा कि हरियाणा में ऐसे और भी कई मामले हैं जिसमें मरीज सही उपचार ना होने और उनके परिजनों को सरकार से सुविधाएं न मिलने के आरोप लगाए जा रहे हैं। अगर आरोप सही है तो प्रदेश में हालात खराब हो सकते हैं। जो भी डॉक्टर और स्टाफ कोरोना मरीजों का उपचार करने में जुटे हैं, पूरा देश उनका स्वागत कर रहा है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लापरवाही बरत रहे हैं।

अगर कोई डॉक्टर या स्टाफ कोरोना मरीजों के उपचार सही तरीके से नहीं कर सकते वह सीधे अपनी जिम्मेदारियों से हट जाएं, वह ज्यादा ठीक होगा। लेकिन मरीजों के साथ लापरवाहियां करना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

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