फर्रुखनगर में गेंहू-सरसों की खरीद-लदान का काम बेहद सुस्त.
मंडी में इस बार कोरोना के चलते श्रमिक संख्या भी नाम मात्र

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 फर्रुखनगर अनाज मंडी में श्रमिकों की कमी होने से गेंहू , सरसों के भरे हुए कट्टे की भराई, सिलाई, उठान का कार्य धीमा होने से सरकारी गेंहू पर मौसम की मार कभी भी पड़ सकती है। करीब 50 हजार क्विंटल गेंहू, 52 हजार क्विंटल सरसों खुले आसमान के नीचे पड़ा है। जिसकों लेकर लेकर आढ़ती, खरीद एजेंसी के अधिकारी भी चिंतित है।

मार्किट कमेटी के सचिव मोहन जोवल ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाने के लिए देश भर में लॉक डाउन चल रहा है। जिसके चलते लॉक डाउन के नियमों की पालना भी जरूरी है। मंडी में भीड ना हो इसके लिए सरकार द्वारा 15 अप्रैल से सरसों और 20 अप्रैल से गेंहू की खरीद का कार्य शुरु किया गया। क्षेत्र में गेंहू की पैदावार होने के कारण फर्रुखनगर क्षेत्र के गांव डाबोदा, पातली हाजीपुर, सुल्तानपुर, मुशैदपुर, बिरहेडा मोड आदि गांवों में  खेंहू की खरीद के लिए पांच उप खरीद केंद्रों को बनाया गया है। 10 मई तक फर्रुखनगर अनाज मंडी में सरकारी खरीद एजेंसी हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेश लि. द्वारा 68 हजार 2 सौ 91 क्विंटल की खरीद की गई। जबकि गत वर्ष 64947 क्विंटल की खरीद की गई थी। जो गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 3344 क्विंटल सरसों की अराईवल ज्यादा मंडी पहुंची है।

गेंहू की खरीद का कार्य सरकारी खरीद एजेंसी हैफड व हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेश लि. द्वारा किया जा रहा है। 20 अप्रैल से 10 मई तक सभी पांच उप खरीद सेंटरों से 1 लाख 36 हजार, 40 क्विंटल गेंहू की खरीद की गई है। जबकि गत वर्ष 2 लाख 28 हजार 8 सौ 16 क्विंटल गेंहू की अराईवल मंडी पहुंची थी। जो गत वर्ष की अपेक्षा 92776 क्विंटल कम अराईवल पहुंची है। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल तक की खरीद किए गए सरसों और गेंहू का सर्मथन मुल्य किसानों के खाते में खरीद एजेंसियों द्वारा डाला जा चुका है। मंडी में इस बार कोरोना के चलते श्रमिक भी नाम मात्र है। जिसके कारण सरसों, गेंहू के कटटे की सिलाई ही नहीं उठान भी नहीं हो पा रहा है। अभी तक सभी पांव उप खरीद केंद्रों से 1 लाख 54 हजार 5 सौ 41 बैग प्रति बैग वजन 50 किलो ग्राम ही गौदाम में सिफट हो पाये है। उन्होंने बताया कि सरसों के 84 हजार  9 सौ कटटे ही गौदाम में रखे गए है।