सांस्कृतिक संध्या में केरल का कायकुट्टूकली लोकनृत्य पर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
सुबह 11 बजे से रात्रि 9.30 तक चलने वाला यह मेला सबके लिए निःशुल्क है

गुरुग्राम, 04 नंवबर। सरस आजीविका मेला 2023 में आज विकेंड पर कॉफी भीड़ रही। शनिवार होने के कारण लोगों ने अपने परिवारों के साथ जहां मेले में जमकर खरीदारी की वहीं, फूड कोर्ट में देश भर के लजीज व्यंजनों का भी लुत्फ उठाया। मेले में बिहार के कुल इक्कीस स्टॉल लगाए गए हैं, इसमें हेंडीक्राफ्ट व हेंडलूम के सत्रह स्टॉल लगाए गए हैं, जबकि दो फूड स्टॉल व दो लाइव फूड स्टॉल फूड कोर्ट में लगाए गए हैं, इसकी जानकारी बिहार के स्टेट कोआर्डिनेटर संदीप कुमार ने दी। बिहार के मधुबनी जिले के रांटी गांव से आईं हुईँ जया स्वयं सहायता समूह की शालिनी झा ने बताया कि हमारे स्टॉल नंबर 169 पर मिथिला पेंटिंग की हुई साड़ी, सूट, दुपट्टे, बेडसिट, पर्स, वॉल हेंगिंग, पिलो कवर, टेबल मैट, टिशर्ट आदि सामान हैं, जो कि लोगों को लुभा रहा है। इस स्टॉल पर आप को पचास रुपये से लेकर बारह हजार तक के सामान उपलब्ध हैं।

वहीं, बिहार के ही तुलसी जीविका स्वयं सहायता समूह की कृष्णा देवी ने बताया कि वो बिहार के शेखपुरा जिले से आई हैं जो कि तंजौर पेंटिंग लेकर यहां पर आई हुई हैं। उन्होंने बताया कि पहले जब वह दक्षिण भारत में रहती थीं तो वहीं इस कला को सीखा औऱ आज उनके साथ उनके समूह में कुल दस लोग हैं, जो कि मिलकर तंजौर पेंटिंग में भगवानजी की मुर्तियां बनाती हैं। मूर्तियों में आप को इस दिवाली पर गणेशजी, लक्ष्मीजी समेत भगवान कृष्ण व महादेवजी की भी मूर्तियां मिल जाएंगी। उन्होंने बताया कि उनके स्टॉल नंबर 12 पर ये सभी सामान उपलब्ध हैं यहां पर आप को दो हजार से लेकर ढ़ाई लाख रुपये तक के सामान हैं।

साथ ही बिहार के ही भागलपुर जिले से आई हुईं सीताजी एसएचजी ग्रुप की जुली देवी ने बताया कि हमारे स्टॉल नंबर 15 पर भागलपुर के तशर सिल्क, रॉ शिल्क, कॉटन शिल्क, मूंगा, एरी शिल्क आदि का साड़ी, सूट, शर्ट, दुपट्टा आदि हैं। यहां पर आप को हजार रुपये से लेकर बारह हजार तक के सामान उपलब्ध हैं। साथ ही भागलपुर का प्रसिद्ध डल चादर भी यहां आप को मिल जाएंगे, जिसे आप बारह महीने ओढ़ सकते हैं। और इसे आप केवल पांच सौ रुपये में यहां से खरीद सकते हैं। साथ ही बिहार के रोहतास जिले से आई हुईं नमः शिवाय ग्रुप की संगीता गुप्ता ने बताया कि उनके स्टॉल नंबर 174 पर आप को गुड़ का लड्डू, पपीता का लड्डू, आंवला लड्डू, खोये का अनरसा आदि फूड आइटम उपलब्ध हैं, जिसे यहां के लोग काफी पसंद कर रहे हैं। साथ ही आप को यहां पर बिहार के दाल बड़ी, चावल का तिलौरी, मसूर दाल का तिलौरी, मिक्चर मशरूम आदि के आइटम भी यहां उपलब्ध हैं।

वहीं, मेले में सांस्कृतिक संध्या के दौरान आज केरल का कायकुट्टूकली लोकनृत्य की प्रस्तुति दी गई। ज्ञात हो कि यह नृत्य खेती किसानी से जुड़े हुए लोग खेतों में अच्छी फसल होने पर किया करते थे। साथ ही मिजोरम के लोकनृत्य की भी प्रस्तुति दी गई। वहीं, सूफी गजल व देशभक्ति के गानों की भी प्रस्तुति हुई। इसका आनंद मेले में आए हुए लोगों ने उठाया। सांस्कृतिक संध्या में नियमित रूप से पांच बजे से हरेक राज्यों के लोक नृत्य व संगीत की प्रस्तुति की जाती है। सांस्कृति कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए रुचि ने बताया कि शाम को जब मेला घूमने के बाद लोग थक जाते हैं तो फूड कोर्ट में खाने के बाद सांस्कृतिक संध्या का आनंद लेने अपने परिवार के साथ आते हैं।

ज्ञात हो कि राजधानी से सटे गुरुग्राम में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा व हरियाणा सरकार के सहयोग से आयोजित सरस आजीविका मेला का आयोजन किया जा रहा है। 26 अक्टूबर से 11 नवंबर तक आयोजित होने वाला मेला भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शा रहा है।

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