शनिवार को नांगल चौधरी में किसान ने भी खड़ी सरसों की फसल पर चलाया था ट्रैक्टर
पाले से खराब हुई थी फसल, फलियों में नहीं दाने, अब केवल मुआवजे की आस
नांगल चौधरी के गांव नौलायजा में किसान लीलाराम फरसवाल ने अपनी साढ़े चार एकड़ में पाले से खराब सरसों की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। क्षेत्र में दिसम्बर व जनवरी माह में पड़े भंयकर पाले का फसलों में अब असर देखने को मिल रहा है। सरसों की फसल के अंदर फलियों में दाने नहीं बचे हैं। जिससे निराश और हताश किसानों ने अब खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाना शुरू कर दिया है। आज नारनौल के नजदीक थाना गांव में एक किसान ने दो एकड़ सरसों की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। गत शनिवार को नांगल चौधरी के किसान ने अपनी 1 एकड़ फसल पर ट्रैक्टर चलाया था। किसानों का कहना है कि अब उन्हें केवल सरकार से ही आस है अगर सरकार ने भी मुआवजा नहीं दिया तो क्षेत्र का किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा।

थाना गांव के किसान रवि ने करीब 2 एकड़ सरसों की खड़ी फसल पर आखिर अब ट्रैक्टर चला दिया है पीड़ित की किसान रवि का कहना है कि करीब 10,000 फसल की बुवाई के समय लग गए थे जिनमें खाद बीज व बिजाई शामिल है अब सर्दी की वजह से फसल में ताना भी नहीं बचा अगर वह कटाई भी करवाएंगे तो करीब तीन से चार हजार रुपए कटाई में लग जाएंगे ऐसे में ट्रैक्टर चलाना ही ठीक रहेगा।

रवि के पिता बहादुर सिंह ने बताया कि उनकी आंखों के सामने फसल पर ट्रैक्टर चल रहा है जिससे मन बड़ा ही दुखी है लेकिन फसल इतनी बर्बाद हो गई कि इसमें एक भी दाना नहीं बचा उन्होंने कहा कि किसान बहुत परेशान है तथा सरकार को चाहिए कि इसका मुआवजा दें ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।

याद रहे कि नांगल चौधरी क्षेत्र के नया गांव में किसान महावीर ने भी गत शनिवार को अपनी खड़ी सरसों की हरी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था। किसान का कहना है कि उसके खेतों में 80% से अधिक पाले की मार है। क्षेत्र में पड़े भंयकर पाले ने उनको कहीं का नहीं छोड़ा। इसी से परेशान हो उन्होंने अपनी खड़ी फसल में ट्रैक्टर चला दिया । अब इसी से दुखी किसानों ने अपनी फसलों पर ट्रैक्टर भी चलाना शुरू कर दिया है। क्योंकि फसल कटाई और निकलवाई और सस्ती नहीं रह गई है। कटाई और निकलवाई में जितना खर्चा आएगा उतने की पैदावार भी नहीं मिल पाएगी। अब कम से कम यह खत्म हुई फसल थोड़ा-बहुत खाद का काम तो करेगी। उसने कहा कि अब तो केवल सरकार से सहायता पर ही आशा है कि आखिर वह किसान की फसल से टूटी कमर राहत दिलाए। अन्यथा मंहगे बीज, खाद व जुताई के खर्चे से पीड़ित किसान बर्बाद हो जाएगा। किसानों की मांग है कि सरकार शीघ्र से शीघ्र उन्हें राहत प्रदान करें।

जनवरी माह में लगातार क्षेत्र में भयंकर पाला जमा। एक पखवाड़े के अंदर अनेक बार तापमान शून्य के आसपास रहा। फलस्वरुप क्षेत्र में सबसे संवेदनशील फसल सरसों तथा सब्जी की फसलों को जबरदस्त नुकसान हुआ। पाले का सबसे ज्यादा असर नांगल चौधरी, गोद बलाहा, नारनौल, महेंद्रगढ़, सतनाली, सीहमा तथा कांटी क्षेत्र में सरसों की फसलों को हुआ। अधिकांश खेतों में 80% से ज्यादा का नुकसान देखने को मिल रहा है। खेतों में सिंचित पानी की बेहद कमी व लगातार तापमान में गिरावट ने सरसों को अपनी चपेट में ले लिया।

नांगल चौधरी के गांव नौलायजा में किसान लीलाराम फरसवाल ने अपनी साढ़े चार एकड़ में पाले से खराब सरसों की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। पीड़ित किसान का कहना है कि करीब दस हजार रुपये फसल की बुवाई के समय लग गए थे। जिनमें खाद, बीज व बुवाई शामिल है। अब सर्दी की वजह से फसल में दाना भी नहीं बचा, अगर वह कटाई भी करवाएंगे तो करीब 3 से 4 हजार रुपये कटाई के लग जाएंगे।

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