गुरुग्राम, 28 दिसंबर । ‘द्रोणाचार्य गवर्नमेंट कॉलेज’ न्यू रेलवे रोड के सभागार में दिनांक 27 दिसम्बर की शाम, एक विराट कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र अंतिल, कैनविन फाउंडेशन के संस्थापक श्री डी. पी. गोयल, सेवानिवृत्त प्रिंसिपल और प्रसिद्ध साहित्कार डॉ. सुरेश वशिष्ठ, साहित्यकार डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल, सेवानिवृत्त प्रोफेसर श्री रघुवीर सिंह बोकन, फिल्म अभिनेता राज चौहान, ब्राह्मण संस्था के अध्यक्ष श्री अंबिका प्रसाद शर्मा, श्री अजीत भारद्वाज, संस्कार भारती के जिला मंत्री श्री मनोज शर्मा, स्टार एविएशन अकैडमी के निदेशक श्री आर. एस. गिल, डॉ नीलमणि गौड, डॉ. सविता उपाध्याय ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में हरियाणा गौरव सुनील शर्मा की पुस्तक ‘देश की पुकार’, डॉ. नेहा जैन की पाँच पुस्तकें-‘संवाद’, ‘सुबह रोज होगी’, ‘बातें बदलाव की’, ‘रंग एहसास के’, ‘आगाज नारी का’ और डॉ.अंजना कुमार की पुस्तक ‘कुछ मेरे दिल ने कहा’ का लोकार्पण संभव हुआ। वरिष्ठ अतिथियों और मुख्य वक्ताओं ने पुस्तकों का लोकार्पण किया। तत्पश्चात श्रोताओं ने कविताओं का रसपान किया। कवियों और कवित्रियों ने कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की और अपनी मधुर वाणी से श्रोताओं का मनोरंजन किया। तालियों की आवाज से सभागार गूँज उठा। श्रोताओं ने तालियाँ बजा-बजाकर कवियों का हौसला बढ़ाना। यह भव्य कार्यक्रम शाम 6:00 बजे तक निरंतर चलता रहा। ‘मिट्टी की खुशबू’ राष्ट्रीय मुहिम के संयोजक अमित कुमार रोहिल्ला और कवि सुनील शर्मा ने कॉलेज के प्राचार्य आदरणीय वीरेंद्र अंतील जी को माँ सरस्वती जी की प्रतिमा भेंट कर सम्मान किया। इस सम्मेलन के संयोजक हरियाणा गौरव और कवि सुनील शर्मा ने कुछ इस अंदाज में अपनी पंक्तियों को प्रस्तुत किया :-

“मेरे किरदार में यारो भले न हो अदाकारी,
मगर ईमान का सच्चा, भरी रग-रग में खुद्दारी।
किसी का हाथ पकड़ो तो छोड़ा नहीं करते,
कयामत ही भले आए,नहीं करता मैं गद्दारी।”

सभी कवियों ने एक से बढ़कर एक कविता का आगाज किया। कानपुर से आई डॉ. अंजना कुमार, नोएडा से पधारी मनीषा शुक्ला, जिन्हें स्वर कोकिला के नाम से भी जाना जाता है। उरई (उत्तर प्रदेश) से पहुँची प्रिया श्रीवास्तव, पलवल से पधारे सतीश एकांत और गुरुग्राम की पावन धरा से मदन साहनी, अहमदाबाद से हास्य कवि मन कुमार, प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) से हरि बहादुर ‘हर्ष’, कानपुर से अक्स अपराचित। द्रोणाचार्य कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी पांडे जी, जिन्होंने अपनी गजलों से कार्यक्रम में समा बाँध दिया। रंग ऐसा जमा की तालियाँ बजाने क़ मजबूर कर दिया गया। कॉलेज छात्र-छात्राओं एवं स्टाफ मैंबर्स और श्रोताओं ने कार्यक्रम का खूब आनंद उठाया।

देवबंद (उत्तर प्रदेश) की धरा से इस भव्य कार्यक्रम में पहुँचे गौरव विवेक जी, जिन्होंने इस कार्यक्रम में अपनी महती भूमिका निभाई। उनका योगदान भी भुलाया नहीं जा सकता। अंत में, संयोजक सुनील शर्मा और गौरव विवेक ने सभी का धन्यवाद किया और वरिष्ठ बंधुओं ने कवि एवं कवित्रियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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