चरखी दादरी जयवीर फौगाट

20 अगस्त, गांव खोरड़ा व शीशवाला स्थित राजकीय स्कूलोें में स्थानांतारण नीति के तहत शिक्षकों के पद समाप्त करने पर स्टाफ की कमी से जूझना पड़ेगा। जिसके चलते वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी। इसी को लेकर ग्रामीणों में रोष बना हुआ है। शनिवार को ग्रामीणों ने स्कूल गेट के सामने एकत्रित होकर विभाग व प्रशासन के प्रति रोष जताया व स्टाफ की कमी को पूरा करने की मांग को लेकर नारेबाजी की।

रोष जता रहे गांव खोरड़ा के धर्मबीर मेहरा, संदीप श्योराण, सोमबीर लोचम, राजेश प्रताप, अनिल प्रजापत,मनोज, कर्मबीर, महेंद्र आदि ग्रामीणों ने कहा कि गांव खोरड़ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में करीब 160 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। स्थानांतरण नीति के तहत सरकार विद्यालयों में अध्यापकों व प्राध्यपकों के पद समाप्त कर रही है। जिसका सीधा प्रतिकूल असर इन विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ेगा। ग्रामीणों ने बताया कि खोरड़ा के राजकीय विद्यालय में 160 विद्यार्थियों पर केवल संस्कृत विषय का शिक्षक दिया गया है। जिससे दूसरे विषयों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अकेला अध्यापक 160 विद्यार्थियों को नहीं पढ़ा पाएगा जिसके चलते बच्चे स्वयं ही विद्यालय छोड़ने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इस प्रकार की नीतियों को अपनाकर सरकारी स्कूलों को बंद करना चाहती है। ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पर्याप्त संख्या में स्टाफ सदस्यों की नियुक्ति की मांग की है।

शीशवाला में भी जताया रोष:
स्थानानंतर नीति के तहत पद समाप्त करने को लेकर गांव शीशवाला में ग्रामीणों ने रोष जताया। रोष जता रहे गांव शीशवाला के धर्मबीर, सत्यवान, जयवीर, भगत सिंह, सुरेश, विनोद आदि ग्रामीणों ने कहा कि गांव खोरड़ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में करीब 220 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। लेकिन यहां स्टाफ की कमी बनी हुई है। जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय में कई पोस्ट खाली होने के कारण या तो एक ही अध्यापक को दूसरे विषय पढ़ाने पड़ रहे हैं या फिर उस विषय को पढ़ाया ही नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी के चलते विद्यार्थियों को पेश आने वाली समस्या से वे बाढड़ा विधायक नैना सिंह चौटाला को भी अवगत करवा चुके हैं। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने कहा कि नई स्थानांतरण नीति के तहत कई अध्यापकों व प्राध्यापकों के पद समाप्त कर दिए गए है। शीशवाला स्कूल में ऐसे छह से सात पद समाप्त होने के कारण बच्चों के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है। ग्रामीणों ने स्कूल गेट के सामने एकत्रित होकर नारेबाजी कर रोष जताया व सरकार से  मांग की है कि स्कूल में स्टाफ के पदों को पहले की भांति रखा जाए।

error: Content is protected !!