गुरुग्राम विश्वविद्यालय में अनुसंधान पद्धति विषय पर कार्यशाला का आयोजन

आज गुणवत्तापरक एवं जनोपयोगी शोध की है आवश्यकता : प्रो. संकेत विज
कार्यशाला में छात्रों को धैर्य और संयम के साथ कम से कम समय में शोध कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया
विशेषज्ञों ने अनुसंधान पद्धति से सम्बंधित शोध छात्रों के सवालों के जवाब दिए

गुरुग्राम – शुक्रवार 3 जून को गुरुग्राम विवि. में “अनुसंधान पद्धति” विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला का आयोजन गुरुग्राम विवि. के कॉमर्स विभाग द्वारा किया गया । कार्यशाला में विवि. के शोध छात्रों ने भाग लिया । इस अवसर पर गुरुग्राम विवि. के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की । कार्यशाला में प्रो. संकेत विज, प्रबंधन विभाग, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर, सोनीपत, एवं डॉ. सुमनजीत सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर,कॉमर्स विभाग, रामजस कॉलेज,ने विषय विशेषज्ञ के रूप में भाग लिया ।

कार्यशाला का शुभारंभ माननीय अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । प्रो. संकेत विज, ने छात्रों को अनुसंधान पद्धति, संदर्भ लेखन, शोध कार्य में नैतिकता के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी दी । प्रो. संकेत विज ने कहा कि आज गुणवत्तापरक एवं जनोपयोगी शोध की बहुत आवश्यकता है । उन्होंने शोध पर्यवेक्षकों और छात्रों को धैर्य और संयम के साथ कम से कम समय में शोध कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया, इसके साथ साथ उन्होंने पीएचडी. के मैन्युअल पर भी चर्चा की ।

सेमिनार में उपस्थित दूसरे विशेषज्ञ डॉ. सुमनजीत सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर,कॉमर्स विभाग, रामजस कॉलेज, ने अनुसंधान पद्धति के प्रकारो मात्रात्मक अनुसंधान, गुणात्मक अनुसंधान, वर्णनात्मक अनुसंधान,विश्लेषणात्मक अनुसंधान,अनुप्रयुक्त अनुसंधान,मौलिक अनुसंधान,खोजपूर्ण अनुसंधान,निर्णायक अनुसंधान के बारे में विस्तार से प्रकाश डालते हुए विभिन्न अनुसंधान पद्धतियों का उपयोग करने के लाभ के बारे में बताते हुए कहा कि एक शोध में, शोध का विश्लेषण और सत्यापन करने के लिए विषय का आलोचनात्मक मूल्यांकन महत्वपूर्ण है। इससे शोधकर्ता को शोध को अधिक प्रभावी ढंग से तलाशने में मदद मिलती है, विभिन्न अनुसंधान पद्धति मात्रात्मक तरीके और सर्वेक्षण संख्यात्मक परिणाम प्राप्त करने में मदद करते हैं, जो सभी शोधों में मदद करते हैं। थीसिस में अधिक व्याख्या किए बिना संख्याओं की सहायता से परिणाम आसानी से बनाए जा सकते हैं। अनुसंधान में विभिन्न विधियाँ विभिन्न दृष्टिकोणों से अनुसंधान का पता लगाने और तथ्य-संचालित तरीके से विश्लेषण करने में मदद करती हैं।

कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों ने अनुसंधान पद्धति से सम्बंधित शोध छात्रों के सवालों के जवाब दिए और शोध में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए सुझाव दिए । इस अवसर पर गुरुग्राम विवि. के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने उच्चस्तरीय शोध हेतु शोधकर्ताओं का मार्गदर्शन करवाने के लिए आयोजित सेमिनार की सफलता पर कॉमर्स विभाग की अध्यक्ष डॉ. सीमा महलावत को शुभकामनाएं दी और समय समय पर ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए शोध छात्रों को आश्वस्त किया, जिससे विश्वविद्यालय में शोध स्तर को विश्वस्तरीय बढ़ावा दिया जा सके ।

इस अवसर पर डॉ सुभाष कुंडू, डॉ नीरा वर्मा, डॉ अशोक खन्ना, डॉ विजय मेहता, डॉ अमरजीत कौर,डॉ फलक खन्ना, डॉ पुनीत, समेत विवि के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे .

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