एएसआई 5 साल, 3 पुलिसकर्मियों को 3-3 साल की सजा

गुडग़ांव, 9 मार्च (अशोक): साईबर कैफे संचालक व उनके कर्मचारियों को अवैध रुप से हिरासत में रखने तथा झूठे मामले में फंसाने, पैसा मांगने और मारपीट करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत ने गत सप्ताह 4 पुलिसकर्मियों को दोषी करार देते हुए उनकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जो अदालत ने बुधवार को सुना दिया है।

अदालत ने दोषी एएसआई को 5 साल व 40 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। इसी प्रकार अन्य 3 आरोपी पुलिसकर्मियों को 3-3 साल व 40-40 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुना दी है।

वरिष्ठ अधिवक्ता अमित जैन से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 की 3 सितम्बर को राजीव नगर स्थित हंसराज
राठी के साईबर कैफे में क्राईम ब्रांच 46 की टीम ने फर्जी वोटर व आई कार्ड बनाए जाने के आरोप लगाते हुए छापामार कार्यवाही की थी। इस छापामार टीम में तत्कालीन एएसआई रामदयाल, कांस्टेबल सुनील, राजेश व विनोद शामिल थे। बताया जाता है कि हंसराज व उनके दोनों कर्मचारियों राजेंद्र व नरेंद्र को क्राईम ब्रांच पूछताछ के लिए ले गई थी और उनसे एक लाख रुपए की
मांग की गई थी। एक लाख रुपए न देने पर क्राईम ब्रांच ने इस कार्यवाही को 5 सितम्बर की दिखाते हुए तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भिजवा दिया था। कुछ समय बाद तीनों को जमानत मिल गई थी।

अधिवक्ता का कहना है कि जब पीडि़त हंसराज अपने कैफे में पहुंचा तो कैफे सील था और अदालत में याचिका डालकर कैफे को खुलावाया गया। जब उन्होंने कैफे में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटैज खंगाली तो उसमें 3 सितम्बर में जो घटनाक्रम घटा था, उसकी फुटैज मौजूद थी। पीडि़त ने प्रदेश के खूफिया विभाग को इसकी शिकायत की कि उनके यहां छापा 3 सितम्बर को मारा गया था, न कि 5 सितम्बर को। विभाग ने जांच कराई तो जांच सही पाई गई और जांच टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई। उन्हें निलंबित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया था। हालांकि तत्कालीन एएसआई रामदयाल अब सेवानिवृत हो चुका है। अदालत में अभियोजन पक्ष ने जो सबूत व गवाह पेश किए , उनसे आरोपियों पर आरोप सिद्ध होना पाते हुए अदालत ने गत सप्ताह चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उनकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जो अदालत ने बुधवार को सुना दिया है।

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