उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 पर विशेष श्रृंखला-8 कितने एक्ज़ेक्ट साबित होंगे यूपी के एग्जिट पोल ? -अमित नेहरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 फरवरी को हरदोई में चुनावी रैली के दौरान मैनपुरी की एक बुजुर्ग महिला का जिक्र किया था। मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए उन तक एक वीडियो पहुंचा है। वीडियो में महिला ने कहा कि मोदी का नमक खाया है उन्हें धोखा नहीं देंगे, उन्हें ही वोट देंगे। मोदी ने इसके जरिए यूपी में मिल रहे फ्री राशन को अपनी बड़ी उपलब्धि बताते हुए जीत की उम्मीद की। चूँकि यूपी की जनता को फ्री राशन, सरकार दे रही है जो कि जनता के टैक्स से खरीदा जाता है अतः यह राशन किसी व्यक्ति विशेष की बदौलत नहीं दिया जा रहा। अतः प्रधानमंत्री के इस बयान का इतना जबरदस्त विरोध हुआ कि मोदी ने इसके बाद चार मार्च को मिर्जापुर रैली में गजब की पलटी मारी और कहा कि मैं अपनी गरीब माताओं से कहता हूँ कि मां नमक आपने नहीं खाया है, नमक तो आपका मैंने खाया है। मां आपने जो मुझे नमक खिलाया है, जीवन भर एक बेटे की तरह मां मैं इस नमक का कर्ज चुकाता रहूंगा। यह एक उदाहरण है कि तथ्यों को एकदम उल्टा कैसे कर दिया जाता है और इसे खास गम्भीरता से भी नहीं लिया जाता। यही बात 7 मार्च को शाम विभिन्न मीडिया हाउसेस द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल के नतीजों के बारे में भी कही जा सकती है। कोई आश्चर्य नहीं कि एग्जिट पोल के नतीजे 10 मार्च को आते-आते असल नतीजों के रूप में बिल्कुल ही पलट जाएं। यूपी विधानसभा चुनावों के सातवें और आखिरी चरण में 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर वोटिंग के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, बसपा चीफ मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर है। साथ ही सातवें चरण में अनुप्रिया पटेल, संजय निषाद और ओमप्रकाश राजभर के दलों की भी कड़ी परीक्षा होगी। सात मार्च को शाम विभिन्न मीडिया हाउसेस द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल के नतीजों ने यूपी में एक तरह से बीजेपी गठबंधन की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने की संभावना व्यक्त की है जबकि समाजवादी पार्टी को एग्जिट पोल से निराशा हुई है। न्यूज़ 24 और टुडेज़ चाणक्य के एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 294, सपा को 105, बीएसपी को 02 सीटें वहीं कांग्रेस केवल एक सीट मिलती दिखाई दे रही है। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, बीजेपी+ को 288-326, एसपी+ को 71-101, बीएसपी को 3-9, कांग्रेस को 1-3 और अन्य को 2-3 सीटें मिलने का अनुमान है। एबीपी न्यूज-सी वोटर एग्जिट पोल के मुताबिक, यूपी में बीजेपी+ को 228-244, एसपी+ को 132-148, बीएसपी को 13-21, कांग्रेस को 4-8, जबकि अन्य को 2-6 सीटें मिलने का अनुमान है। न्यूज 18 के मुताबिक, पी-मार्क एग्जिट पोल के हिसाब से यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से बीजेपी+ को 240, एसपी+ को 140, बीएसपी को 17 और कांग्रेस को 4 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, सीएसपीईआर के एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी गठबंधन को 231 सीटें मिलती दिख रही हैं. इसी तरह समाजवादी पार्टी गठबंधन को 150 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। जाहिर है कि सभी एग्जिट पोल में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है और सपा बहुमत से दूर रहेगी। लेकिन क्या हकीकत में ऐसा होगा ? इसका जवाब बड़ा मुश्किल है। अगर यूपी की जनता ने फ्री राशन, राम मंदिर, सांप्रदायिकता और कथित रूप से बेहतर कानून व्यवस्था के नाम पर अपना वोट डाला है तो ये नतीजे आना सम्भव हैं। लेकिन यूपी की जनता ने महंगाई, बेरोजगारी, आवारा पशुओं के आतंक, धार्मिक और जातिगत भेदभाव, किसानों की दुर्दशा, कोविड काल की बेबसी, लॉकडाउन के कारण हुई दुर्दशा, किसान आंदोलन, जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा व्यवस्था में भारी खामियों आदि अनेक मुद्दों पर राज्य सरकार के असफल रहने पर मुहर मारी होगी तो चुनाव परिणाम वाकई हैरतअंगेज रह सकते हैं। इन चुनावों में यूपी का मतदाता इन मुद्दों पर बेहद मुखर और सरकार से खफा था। अब देखना है कि यूपी का वोटर कितना मेच्योर है क्या वो असल मुद्दों पर वोट डालना जान चुका है या वहाँ अभी भी पारंपरिक तरीके से वोटर वोट डाल रहे हैं। हालांकि मैं एग्जिट पोल के नतीजों या प्रमाणिकता को नकारता नहीं। यह काफी वैज्ञानिक आधार पर आधारित है। लेकिन किसी एग्जिट पोल को किस तरीके से अंजाम दिया गया है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। इसके साथ-साथ सैम्पल साइज भी बहुत मायने रखता है। चलते-चलते अगर मेरे से यूपी चुनाव परिणाम के संभावित नतीजे पूछे जाएं तो मैं चुनाव के दौरान अपने यूपी दौरों, अपने पत्रकार मित्रों से हुई वार्ताओं, सभी राजनीतिक दलों से हुई बातचीत और प्रदेश में बह रही राजनीतिक बयार के आधार पर कह सकता हूँ कि इस बार उत्तरप्रदेश की अधिकांश जनता ने सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है। मेरा आकलन है कि इस बार यूपी में सपा+ 220 से 240, बीजेपी+ 140 से 150, बीएसपी 10 से 15 और कांग्रेस 5 से 10 सीटों पर रह सकती है। हालांकि ज्यादातर पाठक इस आंकड़े को हास्यास्पद बताएंगे मगर जो जमीनी हकीकत है उससे तो यही आभास होता है। जनता जनार्दन होती है कई बार वह यह अहसास भी नहीं होने देती कि उसके मन में क्या है। जारी……….. (लेखक वरिष्ठ पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक, लेखक, समीक्षक और ब्लॉगर हैं) Post navigation अवैध हिरासत में रखने व झूठा मामला दर्ज करने के मामलें में अदालत ने चार पुलिसकर्मियों को सुनाई सजा….. डिजिटल सदस्यता अभियान से मिलेगी पार्टी को ताकत : कुमारी सैलजा