सरकार को अपनी घोषणा के अनुसार 15 नवंबर तक पीआर धान की सरकारी खरीद करनी चाहिए – बजरंग गर्ग
सरकार ने पीआर धान खरीद का टारगेट 60 लाख मेट्रिक टन रखा था मगर सरकार ने लगभग 53 लाख मैट्रिक टन धान खरीद की है – बजरंग गर्ग
सरकार ने धान की सरकारी खरीद भी काफी देरी से शुरू की थी जिसके कारण किसानों को धान पहले सस्ते में बेचना पड़ा – बजरंग गर्ग

चंडीगढ़ – हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने किसान व आढ़तियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में पीआर धान की सरकारी खरीद बंद करके किसान व आढ़तियों पर साजिश के तहत अत्याचार कर रही है। जबकि हरियाणा सरकार ने इस साल का टारगेट 60 लाख मेट्रिक टन पीआर धान खरीद करने का रखा था मगर इस साल सरकार ने लगभग 53 लाख मैट्रिक टन पीआर धान खरीद की है जो उचित नहीं है।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को कम से कम अपने टारगेट के हिसाब से 60 लाख मेट्रिक टन पीआर धान की खरीद करनी चाहिए थी। जबकि सरकार ने 15 नवंबर तक पीआर धान खरीद करने की घोषणा की हुई है। सरकार ने 4 नवंबर को ही धान ना खरीद करने की घोषणा करके किसानों के साथ ज्यादति करने का काम किया है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार ने धान की खरीद पहले 15 सितंबर को खरीद करने को कहा बाद में 25 सितंबर फिर 1 अक्टूबर को खरीद करने की घोषणा करने के बावजूद जब किसान सड़कों पर उतरे तब जाकर सरकार ने 4 अक्टूबर से सरकारी धान की खरीद काफी लेट शुरू की। धान की सरकारी खरीद लेट होने से किसानों को अपना धान 1960 रुपए एमएसपी की जगह लगभग 1800 रुपए में अपना धान बेचकर भारी नुकसान उठाना पड़ा और अब जो धान किसानों का बचा हुआ है अगर सरकार ने खरीद नहीं किया तो किसान को भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ेगा।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि इसी प्रकार बाजरा का एमएसपी 2250 रुपए है मगर बाजरा मंडियों में 1200-1300 रुपए में किसान का रूल रहा है। एक तरफ तो किसान को डीएपी खाद्य ना मिलने से फसल बिजाई में देरी हो रही है दूसरी तरफ किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। यह सरकार पूरी तरह से किसान, आढ़ती व मजदूर विरोधी सरकार है। सरकार को अपनी घोषणा के अनुसार 15 नवंबर तक पीआर धान की पूरी खरीद करनी चाहिए।

error: Content is protected !!