Tag: लोकतंत्र

15 सितंबर: अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस….. कमजोर पड़ते विपक्ष से भारतीय लोकतंत्र खतरे में !

सरकार को आलोचना को सिरे से खारिज करने के बजाय सुनना चाहिए। लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म करने के सुझावों पर एक विचारशील और सम्मानजनक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। प्रेस और…

बिहार में जंगलराज या लोकतंत्र ?

-कमलेश भारतीय क्या बिहार में दो चार दिन में ही जंगलराज लौटा है या लोकतंत्र ? भाजपा के प्रवक्ता डाॅ संबित पात्रा एक ऐसे डाॅक्टर ठहरे जो दो चार दिन…

अमृत महोत्सव के जश्न में, कहाँ खड़े हैं आज हम ?

विश्व की उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है.…

हर-घर तिरंगा अभियान के नाम पर औच्छी राजनीति ! विद्रोही

हर-घर तिरंगा अभियान के नाम पर भाजपा सरकार महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी, सरकारी कुव्यवस्था, आर्थिक बदहाली से जूझ रहे आमजनों का असली मुद्दो से ध्यान हटाकर उसे भावनात्मक मुद्दों के…

संसद न चलने से आखिर किसको है नुकसान?

एक सांसद क्या कर रहा है, इसकी उचित जांच और ऑडिट की आवश्यकता है और उसके आधार पर कुछ नियमों को बनाने की आवश्यकता है, सत्ताधारी दलों ने कभी ऐसे…

3 मई – प्रेस स्वतंत्रता दिवस…………पत्रकारों के लिए भारत दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक

-प्रियंका ‘सौरभ’ एक स्वतंत्र प्रेस हमारे लोकतांत्रिक समाजों में एक आवश्यक भूमिका निभाता है जैसे -सरकारों को जवाबदेह ठहराना, भ्रष्टाचार, अन्याय और सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करना, समाजों को…

कोई भी मुख्यमंत्री, मंत्री, सत्तारूढ नेता कानून, संविधान से ऊपर कैसे हो सकता है ? विद्रोही

सत्ता दुरूपयोग से भाजपा-संघी सरकारेे धार्मिक जलूसों को राजनीति का औजार बनाकर समाज में जहर घोल रहे है : विद्रोही 21 अप्रैल 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष…

डॉ अम्बेडकर द्वारा किये गये कार्यों का राष्ट्र निर्माण में है अतुलनीय योगदान

डॉ मीरा सिंह अम्बेडकर विचारधारा केवल दलित कल्याण या संविधान निर्माण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक विचारधारा है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर अधिकांश विपरीत परिस्थितियों में एक…

संविधान को प्रत्येक व्यक्ति जीवन में आत्मसात करे: धर्मदेव

संविधान की रचना अधिकारों की रक्षा और व्यवस्था संचालन के लिए लोकतंत्र का मतलब स्वच्छंदता नहीं, अनुशासन भी सभी के लिये जरूरी संविधान और परमात्मा का विधान हमारे ही भले…

लोकतंत्र किसी व्यक्ति, पार्टी या विचारधारा विशेष से नही चलता है लोकतंत्र में संविधान सर्वोच्च होता है : विद्रोही

आजादी अमृत महोत्सव के नाम पर एक स्वतंत्रता सेनानी को दूसरे से छोटा व बडा दिखाकर एक-दूसरे के विरोध में खडा करके ऐसा महापाप किया जा रहा है : विद्रोही…

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