सत्ता दुरूपयोग से भाजपा-संघी सरकारेे धार्मिक जलूसों को राजनीति का औजार बनाकर समाज में जहर घोल रहे है : विद्रोही

21 अप्रैल 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि सत्ता दुरूपयोग से भाजपा-संघी सरकारेे धार्मिक जलूसों को राजनीति का औजार बनाकर दंगों व साम्प्रदायिक उन्माद को वोट बैंक की क्षुद्र राजनीति के लिए सुनियोजित ढंग से देशभर में फैलाकर एक समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत का माहौल बनाकर समाज में ऐसा जहर घोल रहे है, जिससे बेशक भाजपा को राजनीतिक लाभ मिल जाये, लेकिने इसस भारत की एकता-अखंडता कमजोर होगीे।

विद्रोही ने कहा कि भाजपा-संघ की यह वोट बैंक की राजनीति भविष्य में देश पर भारी पडऩे वाली है। इस राजनीति का सबसे खतरनाक पक्ष यह है कि पहले भाजपा-संघ सत्ता दुरूपयोग से एक सुनियोजित रणनीति के तहत साम्दप्रायिक उन्माद से दो समुदायों में टकराव पैदा करवाता है और फिर हिंसा व दंगे होने पर एक धर्म विशेष के लोगों को दबाने, डराने, धमकाने व उन्हे नम्बर दो का नगारिक होने का एहसास दिलाने उनके मकान, प्रतिष्ठान, दुकान तोडने के लिए बुल्डोजर चलाने की एक नई परम्परा कायम कर रहा है।

विद्रोही ने आरेाप लगाया कि उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश के बाद अब दिल्ली में भी जता दिया है कि जहां-जहां भाजपा की सरकार है, वहां वे अतिक्रमण हटाने व कथित अराजक तत्वों को सबक सिखाने के नाम पर मोदी-भाजपा-संघ के वैचारिक व राजनीतिक विरोधियों का दमन करने बुल्डोजर को नया हथियार बनाना है। सवाल उठता है कि कोई भी मुख्यमंत्री, मंत्री, सत्तारूढ नेता कानून, संविधान से ऊपर कैसे हो सकता है? अतिक्रमण हटाने के बहाने एक वर्ग विशेष के लोगों के घरों, दुकानों को बिना नोटिस दिये व अदालतों का आदेश लिए बिना कैसे तोडा जा सकता है? वहीं एक क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए भेजे बुल्डोजर एक वर्ग विशेष के मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों पर कहर कैसे ढा रहे है जबकि उनके साथ लगते दूसरे सुमदाय के अतिक्रमणे पर आंखे क्यों मूंदे रहते है?

विद्रोही ने कहा कि वोट बैंक की गंदी, औच्छी राजनीति के लिए बुल्डोजर चलाने की यह नई संघी राजनीति तो लोकतंत्र, संविधान को कुचलकर अपने को अदालत से भी ऊपर समझ रही है। जब मुख्यमंत्री, मंत्री व भाजपा नेताओं को आज यह स्वयं ही तय करना है कि कौन अराजक, गुंडा व अतिक्रमणकारी है, फिर उसके घर, दुकान, प्रतिष्ठान पर बुल्डोजर चलाकर हटाना है तो फिर अदालतों की जरूरत ही क्या है? और सबसे खतरनाक पहलू यह है कि यह बुल्डोजर संस्कृति देश केे दूरे-दराज क्षेत्रों में नही अपितु देश की राजधानीे दिल्ली में भी पहुुंच चुकी है। जहांगीरपुर दिल्ली में चल रहे बुल्डोजर पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के स्टे देने के बाद भी एक वर्ग विशेष के लोगों के घरों, दुकानों पर लगभग दो घंटे तक बुल्डोजर चलते रहना बताता है कि मोदी-संघी सरकार उसका प्रशासन व पुलिस अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी ठेंगा दिखाकर वोट बैंक की क्षुद्र राजनीति करने पर उतारू है जो बहुत ही खतरनाक है।

विद्रोही ने देशभर के लोकतंत्र संविधान में आस्था रखने वाले नगारिकों से आग्रह किया कि वे भाजपा-संघ की वोट बैंक की क्षुद्र राजनीति के नये हथियार बुल्डोजर के खिलाफ एजुटता से सडकों पर संघर्ष करे अन्यथा मोदी-भाजपा-संघ भारत के लोकतंत्र व संविधान को ही बुल्डोजर करके देश में फासीजम लाद देंगे। 

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