मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवउ सुदशरथ अजर बिहारी।
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम।।
रामायण में राम के जीवन से जुड़ी कथाओं में वर्णित अयोध्या, रामेश्वरम, भद्राचलम व सीतामढ़ी सहित पूरे विश्व में विशाल स्तरपर रामनवमी जन्म महोत्सव का आगाज़
-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

रामनवमी: आध्यात्मिकता का वैश्विक उत्सव
भारत को पूरे विश्व में आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विविधता का केंद्र माना जाता है। यहाँ सभी धर्मों के त्योहार मिलजुल कर, धर्मनिरपेक्षता के साथ मनाए जाते हैं — चाहे वह ईद हो, गुरुनानक जयंती, क्रिसमस या रामनवमी। यह विविधता भारत की एकता और सहिष्णुता की मिसाल है।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 6 अप्रैल 2025, चैत्र शुक्ल नवमी के पावन दिन पर श्रीराम जन्मोत्सव पूरे देश में और विश्व के अनेक देशों में भव्य रूप से मनाया जा रहा है।
रामनवमी का धार्मिक महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इस दिन को “रामनवमी” के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम और भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। उनका जीवन त्याग, धैर्य, संयम और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
विश्वभर में रामनवमी की गूंज

रामायण और भगवान राम की महिमा सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। विश्व के कई देशों में भी रामायण लोकप्रिय है:
- थाईलैंड – रामायण को “राम-कियेन” नाम से जाना जाता है।
- इंडोनेशिया – यहाँ “काकविन रामायण” पढ़ी जाती है।
- बर्मा (म्यांमार) – “यमयान” नाम से प्रसिद्ध।
- मलेशिया – “हिकायत सेरी राम” के रूप में रामायण का स्वरूप।
- नेपाल – भगवान राम को दामाद के रूप में पूजा जाता है।
- कंबोडिया, जावा, चीन, लाओस, फिलीपींस, जापान, मंगोलिया, श्रीलंका और वियतनाम – इन देशों में भी रामकथा और रामायण का प्रभाव स्पष्ट है।
- मॉरीशस, गुयाना और दक्षिण अमेरिका तक रामायण का प्रसार है।
सरकारी सतर्कता और दिशा-निर्देश
रामनवमी के जुलूस और आयोजनों को लेकर प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरती है:
बिजली विभाग ने सावधानीपूर्वक झंडे लगाने और ऊँचे वाहनों पर लोगों को न चढ़ाने की अपील की है।
पुलिस विभाग, आरटीओ, ट्रैफिक कंट्रोल और अन्य संबंधित विभागों ने गाइडलाइंस जारी की हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

रामनवमी से प्रेरणा लेने योग्य जीवन मूल्यम्
भगवान श्रीराम के जीवन से हम कई महत्वपूर्ण बातें सीख सकते हैं:
- संयम – 14 वर्षों का वनवास संयम का अनुपम उदाहरण है।
- ज्ञान – श्रीराम ने शास्त्रों और अस्त्र-शस्त्र दोनों में निपुणता प्राप्त की।
- मित्रता – उन्होंने सच्चे मित्रता का उदाहरण हनुमान और सुग्रीव के साथ दिया।
- परोपकार – सदैव दूसरों की भलाई के लिए तत्पर रहे।
इन गुणों को अपने जीवन में अपनाकर हम कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य, विवेक और सफलता पा सकते हैं।
निष्कर्ष
6 अप्रैल 2025 को रामनवमी का महोत्सव न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। यह पर्व केवल भगवान राम के जन्म का नहीं, बल्कि उनके जीवन मूल्यों को अपनाने का भी संदेश देता है।
“राम सिया राम, सिया राम जय जय राम” के गूंज के साथ विश्व एक बार फिर से मर्यादा, आदर्श और धर्म के मार्ग पर चलने को प्रेरित हो रहा है।
-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र