Tag: योगेन्द्र यादव (अध्यक्ष स्वराज इंडिया).

किसका है इंतजार, हम हैं न !

-कमलेश भारतीय दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का आबकारी नीति के बाद हुए घोटाला कांड में ऐसा नाम उछला कि गिरफ्तारी और जेल की नौबत आ गयी । इससे पहले…

विवेक की कमी से ग्रस्त इस देश के अक्ल से मंद डिग्रीधारियों को राजीव भार्गव की किताब पढ़नी चाहिए : योगेन्द्र यादव

प्रोफेसर भार्गव ने द हिन्दू के लिएकुछ छोटे लेख लिखे हैं. इस पुस्तक में ऐसे ही लेखों का संकलन है. आज हम भारत मेंजिन नैतिक समस्याओं का रोज सामना करते…

भारत जोड़ो यात्रा की हरियाणा से विदाई पर कुछ सवाल

-कमलेश भारतीय हरियाणा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की दूसरे चरण के बाद विदाई हो गयी । खुद राहुल गांधी हरियाणा कांग्रेस नेताओं के प्रदर्शन से गद्गगद् हैं…

भारत जोड़ो यात्रा में दूसरे दिन भी भारी संख्या में पहुंचे लोग

• राहुल गांधी ने घासेड़ा में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देकर जनसभा को किया संबोधित • हमें ऐसी सरकार चाहिए जो हर हिंदुस्तानी की रक्षा करे – राहुल गांधी •…

भारत जोड़ो यात्रा ने बहुत कुछ बदला है

योगेन्द्र यादव जब भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई उन दिनों दोस्त फोन करके बोलते थे ‘‘राहुल गांधी की यात्रा में क्यों शामिल हों?’’ अब दो महीने बाद फोन करके पूछते…

वो छह वजहें जो बताती हैं कि क्यों भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ सियासी तमाशा भर नहीं

राजनीति भी फुटबॉल के खेल की तरह है: गेंद पर पकड़ मायने रखती है. गेंद पर पकड़ इतनी मजबूत है इस बार कि राजस्थान में चला सियासी संकट भी भारत…

शील, करुणा और मैत्री का ‘संगम’ है भारत का स्वधर्म

योगेन्द्र यादव इस लेख की पिछली दो कडिय़ों में देश की वर्तमान अवस्था को भारत के स्वधर्म की रोशनी में परखने का आग्रह किया गया है। आज जो हो रहा…

क्या देश का स्वधर्म हो सकता है, कहां खोजें उसे

योगेन्द्र यादव हम किस आधार पर कह सकते हैं कि आज भारत के स्वधर्म पर हमला हो रहा है? इस यक्ष प्रश्न का उत्तर ढूंढने के लिए इस लेख की…

भारत जोड़ो यात्रा ने दक्षिणायन के द्वार खोले हैं, भविष्य के भारत के बीज दक्षिण में हैं

अगर हमें बहुसंख्यकवाद का विरोध करना है, तो हमें द्रविड़ राजनीति के तीन वैचारिक स्तंभों- क्षेत्रवाद, तर्कवाद और सामाजिक न्याय को नए तरीकों से अपनाना होगा. योगेन्द्र यादव क्या आपने…

भारतवर्ष के लिए लंका काण्ड के निहितार्थ

योगेन्द्र यादव श्रीलंका में जनक्रांति हो रही है। मानो फैज अहमद फैज की मशहूर नज़्म ‘हम देखेंगे’ हमारी आंखों के सामने उतर आई है : जब जुल्म-ओ-सितम के कोह-ए-गरां (घने…

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