कब्जा से 02 देशी पिस्टल, वारदात में प्रयोग किए गए हेलमेट व 01 लाख 10 हजार रुपए बरामद
गुरुग्राम : 11 अप्रैल 2025 – दिनांक 31.03.2025 को एक व्यक्ति ने थाना बजघेड़ा गुरुग्राम में एक लिखित शिकायत के माध्यम से बतलाया कि यह साईं चौक न्यू पालम विहार फेज-3, गुरुग्राम में एक मेडिकल स्टोर पर काम करता है। दिनांक 30.03.2025 की रात समय करीब 10:00 बजे यह दुकान पर था। इसी दौरान तीन व्यक्ति इसकी दुकान पर आए जिनमें से दो व्यक्तियों ने हेलमेट पहने हुए थे। उन व्यक्तियों ने इससे दवाईयां मांगी तो कुछ दवाईयां इसके पास नहीं थी तो इसमें मना कर दिया। इसके बाद उन व्यक्तियों ने पिस्तौल दिखाकर गोली मारने की धमकी देते हुए दुकान से रुपए लूट लिए और भाग गए। इस शिकायत पर थाना बजघेडा, गुरुग्राम में संबंधित धाराओं के तहत अभियोग अंकित किया गया।
अपराध शाखा पालम विहार, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने कार्यवाही करते हुए उपरोक्त अभियोग में 05 आरोपियों को काबू किया। आरोपियों की पहचान आशुतोष निवासी हरिवंशपुर जिला गोंडा (उत्तर-प्रदेश), मनीष निवासी कोहरड जिला रेवाड़ी, अजय निवासी बधपुरा जिला इटावा (उत्तर-प्रदेश), आशीष पाल निवासी बधपुरा जिला इटावा (उत्तर-प्रदेश) व कृष्ण निवासी पूरा रेवाड़ी जिला इटावा (उत्तर-प्रदेश) के रूप में हुई। पुलिस टीम द्वारा आरोपी आशुतोष मनीष अजय व आशीषपाल को दिनांक 09.04.2025 को नजदीक बसई चौक, गुरुग्राम से तथा आरोपी कृष्णा को दिनांक 12.04.2025 को इटावा (उत्तर-प्रदेश) से काबू किया।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने गुरुग्राम से हथियार के बल पर लूट करने की एक अन्य वारदात को भी अंजाम देने का खुलासा किया है।
पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपी कृष्ण ने लूट की वारदात को अंजाम देने में प्रयोग किए गए हथियार लूट की वारदात को अंजाम देने वाले उपरोक्त चार आरोपियों को दिए थे। आरोपी रात के समय दुकान के बाहर खड़े होकर रैकी करते हैं तथा दुकान बंद होने से कुछ समय पहले दुकान में जाकर लूट की वारदात को अंजाम देते हैं क्योंकि उस समय दुकान में नगदी सबसे ज्यादा होती है।
आरोपी आशुतोष, मनीष, अजय व आशीष पाल को माननीय न्यायालय में पेश करके 03 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया। पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान आरोपियों के कब्जा से 02 देशी पिस्टल, वारदात में प्रयोग किए गए हेलमेट व 01 लाख 10 हजार रुपए बरामद किए गए।
अभियोग में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जा रही है। अभियोग अनुसंधानाधीन है।