-कमलेश भारतीय

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का आबकारी नीति के बाद हुए घोटाला कांड में ऐसा नाम उछला कि गिरफ्तारी और जेल की नौबत आ गयी । इससे पहले आप सरकार के एक और मंत्री सतेंद्र जैन भी जेल में बंद थे और उनकी खातिरदारी के किस्से भी जेल से बाहर चर्चित रहे । वे मनी लांड्रिंग केस में नौ माह से जेल में बंद हैं लेकिन पहले इस्तीफा नहीं दिया था । अब दोनों ने आप सरकार से अपने अपने पदों से इस्तीफ दे दिये हैं ।

भाजपा के रविशंकर प्रसाद का कहना है कि जिन्होंने भ्रष्टाचार के नाम पर लड़ाई का दावा किया अब उनकी हकीकत जनता के सामने है ! आप का मतलब है कट, कमीशन और करप्शन ! जो जैसा करेगा , वैसा ही भरेगा ! इसके विपरीत आप के सांसद संजय सिंह कहते हैं कि जिसने काम की चर्चा दुनिया में है , उन्हें केंद्र सरकार ने षड्यंत्र के तहत जेल भेजा है ! भाजपा भारतीय राजनीति के लिए कलंक है और हमें इससे नैतिकता नहीं सीखनी !

चाहे नौ माह बाद ही सही आखिरकार आप के मंत्रियों ने इस्तीफे तो दिये ! हालांकि अभी मनीष सिसोदिया की पूछताछ हो रही है । कोई दोष सिद्ध नहीं हो गया ! आप पार्टी से भ्रष्टाचार की उम्मीद नहीं थी क्योंकि यही सच है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ही लड़ाई के बाद यह पार्टी अस्तित्व में आई थी । बहुत उम्मीदें थीं देश को । लम्बी लम्बी कतारें लगी थीं इसमें सदस्यता पाने के लिये ! बड़े बड़े पदों पर बैठे लोग इस्तीफे देकर आप पार्टी के साथ हो लिये थे ! हरियाणा से डाॅ युद्धवीर ख़्यालिया और उच्च पुलिस अधिकारी रहे रणबीर शर्मा इसके उदाहरण रहे । अब दोनों इस पार्टी से दूरी बना चुके हैं । योगेन्द्र यादव इसके उदाहरण रहे जो स्वराज इंडिया बना चुके हैं ! आशुतोष और कुमार विश्वास का विश्वास भी आप पार्टी से टूट गया ! इस तरह आप पार्टी का चरित्र और चेहरा बदल गया ! हर वही हथकंडा सत्ता के लिये अपनाया जो दूसरी पार्टियां अपनाये हुए थीं और लोग उनसे आजिज आ चुके थे ! फिर वही चाल, चरित्र और चेहरा सामने था तो फर्क कहां रहा ! कोई कोई इसे भाजपा की बी टीम भी कहते हैं ।

अब हरियाणा में इंतजार है भाजपा से कि खेलमंत्री संदीप सिंह का इस्तीफा ले ! किसका है इंतजार? महिला कोच केस की जांच की कछुआ रफ्तार से पूरी तरह निराश हो चुकी है और शायद तंत्र भी यही चाहता है कि वह थक टूट कर अपना केस वापिस ले ले ! दामिनी की हीरोइन को पागल घोषित करने जैसी स्थितियां हैं ! महिला कोच को अपनी सुरक्षा पर भी भरोसा नहीं और उसने सुरक्षा वापिस लेने की चिट्ठी लिख दी है ।

अब किसका इन्तजार है ? कब संदीप सिंह से इस्तीफा लिया जायेगा ? यदि संदीप सिंह में नैतिकता होती तो वे विधानसभा में क्यों नहीं आये ! किसलिये मेडिकल देकर विधानसभा से दूर रहे ? आखिर सरकार और महिला आयोग कब जागेगी ?
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075

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