रणदीप सिंह सुरजेवाला, सांसद व महासचिव ,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का बयान

भाजपा अब संविधान-आरक्षण-दलित अधिकार मिटाने में लगी – उनसे लड़ेंगे व जीतेंगे!

संवैधानिक अधिकारों व सामाजिक न्याय को रौंदने के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का समय है!

बाबा साहेब अंबेडकर की 135 वीं जयंती पर आयोजित ‘‘संविधान बचाओ-अधिकार बचाओ’’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर हो रहे हमलों तथा दलितों के अधिकारों को खत्म करने की साजिश के खिलाफ आर-पार की निर्णायक लड़ाई’ लड़ने का आह्वान किया है।

सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा की मोदी व नायब सैनी सरकारें ‘‘बाबा साहेब’’ के भारत के अधिकारों पर षडयंत्रकारी हमला बोल रहे हैं। सुरजेवाला ने कहा कि जहाँ एक तरफ संविधान सम्मत दलितों के आरक्षण को भाजपा खत्म कर रही हैवहाँ दलितों के कल्याण की स्कीमों का बजट काट साजिशन तरीके से उन्हें सरकार में हिस्सेदारी से ‘बाहर निकाला’ जा रहा है। यह बाबा साहेब अंबेडकर की सोच व शिक्षा, दोनों के ही खिलाफ है।

सुरजेवाला ने संविधान और दलित अधिकारों पर हो रहे हमलों को सिलसिलेवार गिनवाते हुए एक नए संघर्ष की शुरुआत की हुंकार भरीः-

1.         संविधान बदलने की साजिश – गरीबों के अधिकारों को खत्म करने का षडयंत्र

साल 2000 में जब भाजपा पहली बार केंद्र में सत्ता में आई, तो उन्होंने ‘संविधान की समीक्षा’ के लिए आयोग बनाया, जो कांग्रेस के विरोध के चलते कामयाब नहीं हो पाया। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा के नेताओं व उनके संसदीय उम्मीदवारों ने 400 पार का नारा देकर संविधान को बदलने की अपनी दुर्भावना को उजागर किया। पर देशवासियों, खासतौर से दलितों-आदिवासियों-पिछड़ों ने उन्हें 240 सीट तक समेट दिया। इसके बावजूद भी 17 दिसंबर, 2024 को, गृहमंत्री, श्री अमित शाह ने राज्यसभा में बाबा साहेब अंबेडकर व उनके अनुयायियों का अपमान किया। भाजपाई बाबा साहेब निर्मित संविधान को इसलिए बदलना चाहते हैं ताकि दलितों-आदिवासियों-पिछड़ों के अधिकार छीने जा सकें। 

हम प्रण लेते हैं कि जब तक शरीर में खून का एक कतरा भी बाकी है, तो संविधान तोड़ने के इस भाजपाई षडयंत्र को कामयाब नहीं होने देंगे।  

2.         बाबा साहेब के सपने तोड़ने के लिए भाजपा आरक्षण पर हमला कर रही

सरकार व सरकारी संस्थाओं में 30 लाख से अधिक नौकरियाँ खाली पड़ी हैं। इनमें से आधी नौकरियाँ एससी-एसटी-ओबीसी की हैं। नौकरियाँ न भरकर भाजपा आरक्षण को खत्म कर रही है। यही नहीं, पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने 23 सरकारी फैक्ट्रियाँ व उपक्रम बेच कर 4 लाख करोड़ कमाए। 

जैसे ही बड़े-बड़े सरकारी उद्योग निजी हाथों में बेच दिए जाते हैं, आरक्षण अपनेआप खत्म हो जाता है। 

सरकारी नौकरियों में 90 प्रतिशत से अधिक भर्ती अब ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्सिंग से हो रही है। इनमें आरक्षण अपने आप खत्म हो जाता है। 

3.         दलित सबप्लान खत्म किया और दलितों के अधिकार छीने – यह अंबेडकर जी की सोच के विरुद्ध

साल 2010 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने यह अनिवार्य किया था कि देश के बजट में दलितों की जनसंख्या के आधार पर उन्हें बजट का हिस्सा देना होगा। भाजपा सरकार ने इसे भी खत्म कर दिया है। 

कांग्रेस का निर्णय है कि हम भविष्य में देश में केंद्रीय कानून बनाकर दलित और आदिवासियों के सबप्लान को बनाना और इनकी जनसंख्या के आधार पर बजट देना अनिवार्य करेंगे। 

4.         भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा दलितों के बजट में कटौती – अंबेडकर जी के सपनों पर हमला

साल दर साल मोदी सरकार जोरशोर से दलितों के लिए बजट की घोषणा तो करती है पर बजट को खर्च ही नहीं करती। इससे बड़ा धोखा क्या हो सकता है। पिछले पाँच साल का केंद्रीय बजट का साल 2019-20 से 2023-24 तक का आँकड़ा देखें, तो दलित कल्याण के बजट का ₹67,037 करोड़ खर्च ही नहीं किया गया। 

(₹करोड़ में)

सालबजट आवंटनखर्च कियाबजट का पैसा खर्च ही नहीं किया
2019-2081,34165,19716,144
2020-2183,25771,81111,446
2021-221,26,2591,21,6144,645
2022-231,42,3421,33,0089,334
2023-241,59,1261,33,65825,468
कुल  67,037

5.         दलितों की स्कीम में कटौती कर संविधान के दिए अधिकार छीनने की भाजपाई साजिश

पिछले चार सालों में दलित छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम का ₹6,493 करोड़ खर्च ही नहीं किया। चार्ट देखेंः-

(₹करोड़ में)

सालबजट आवंटनखर्च कियाबजट का पैसा खर्च ही नहीं किया
2021-224,19619782218
2022-23566043921268
2023-2454005476
2024-25550024933007
कुल  6493

इसी प्रकार, ‘‘पीएम अजय’’ – प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना का बजट भी पिछले चार साल में ₹5,101 करोड़ खर्च ही नहीं किया गया।

(₹करोड़ में)

सालबजट आवंटनखर्च कियाबजट का पैसा खर्च ही नहीं किया
2021-2218001820
2022-2319501641786
2023-2420504711579
2024-2521404011736
कुल  5101

6.      दलितों पर बेहिसाब अत्याचार – बाबा साहेब के भारत का सीना छलनी

दलित अत्याचार की सीमा यह है कि साल 2013 से 2022 के बीच दलितों पर अत्याचार 46 प्रतिशत बढ़ गए। अकेले 2022 में दलित अत्याचार के 57,428 मामले दर्ज हुए, यानी 157 अपराध हर रोज। फरीदाबाद के एक गाँव में दो दलित बच्चों को जिंदा जलाने का कुकृत्य हो, या हाथरस की दलित बेटी से गैंगरेप का मामला हो, हैदराबाद के मेधावी दलित छात्र, रोहित वैमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर करना हो, या ऊना गुजरात में दलितों को लोहे की चेन से बांधकर चमड़ी उधेड़ना हो, ऐसे अनेकों उदाहरण हैं। हरियाणा में एक दलित आईपीएस अधिकारी, सुश्री संगीता कालिया को अपमानित करने की बात हो, स्वतंत्रता दिवस पर भाजपा के दलित विधायक विश्वंभर बाल्मीकी को स्टेज पर बैठने की जगह न देने की बात हो, या फिर मुलाना की पूर्व भाजपा विधायक, श्रीमती संतोष सारवान चौहान पर भाजपाई गुंडों का हमला हो, यह भाजपा सरकार का चरित्र है। 

7. हरियाणा की भाजपा सरकार में भी दलितों का बजट काटा – अन्याय किया

(I)हरियाणा की भाजपा सरकार पहले तो दलितों को न के बराबर बजट देती है और उसे भी खर्च नहीं करती। साल 2014-15 से साल 2023-24 के बीच दलित बजट आवंटन का ₹2,139 करोड़ खर्च ही नहीं किया गया। (देखें संलग्नक A1)

(II) यही नहीं, हरियाणा सरकार दलितों की पोस्टमेट्रिक स्कॉलरशिप का 48 प्रतिशत पैसा खर्च ही नहीं करती। इस बारे साल 2024-25 का चार्ट संलग्नक A2 है। 

(III) हरियाणा सरकार ने तो एचकेआरएन की भर्तियों से आरक्षण खत्म कर दलितों और पिछड़ों का अधिकार ही छीन लिया।

(IV) HPSC तथा HSSC भर्तियों में, जैसे CET, PGT, TGT आदि, SC व BC वर्ग के उम्मीदवारों को General Category में गिना ही नहीं जाता, चाहे उनके नंबर General Category से ज्यादा भी हों। यह कानून के खिलाफ है।

आईये बाबा साहेब की जयंती पर संकल्प लें कि बाबा साहेब के सपनों को साकार करेंगे तथा भाजपा की दलित विरोधी सोच को हराकर दम लेंगे।

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