कितलाना टोल पर धरना 306वें दिन रहा जारी।

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 27 अक्तूबर,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 11 महिने से चल रहे किसान आन्दोलन ने सरकारों का पूंजिवादी चेहरा जनता के सामने उजागर कर दिया है। 1991 के बाद लागू की जा रही पूंजिवादी नीतियो के प्रभाव के कारण 1995 से 2020 तक करीब चार लाख किसान कर्ज में डूब कर आत्महत्या कर चुके हैं। अब खेती भारी घाटे का सौदा बन गया है, कम या ज्यादा, बेमौसमी बारिश, गर्म होते प्रयावरण ने खेती को तबाह करके रख दिया और ऊपर से पूंजिवादी नीतियों ने किसान की कमर तोड़ कर रख दी। यह बात सांगवान खाप के प्रधान व दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर धरने को सम्बोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इतना बड़ा आन्दोलन पहली बार हुआ है, जिसमें सभी भाषा भाषी जनता, जाति और धर्म की दीवारें लांघ कर इसमें शामिल हुए हैं। यह आन्दोलन वैकल्पिक कृषि नीतियों के लिए रास्ता बनाएगा।धरने को सम्बोधित करते हुए पूर्व संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि यह किसान आन्दोलन लम्बा भले ही चल जाए, परन्तु सरकार को किसानों की मांगे माननी होंगी, उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने आन्दोलन को फैल करने के लिए सभी हथकण्डे आजमा लिए, परन्तु लम्बा समय होने के बाद भी शान्तिपूर्ण तरीके से चल रहा है।

कितलाना टोल पर धरने के 306 वें दिन की अध्यक्षता सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, सर्व जातिय स्योराण खाप 25 से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से प्रताप सिंह सिंहमार, युवा  कल्याण संगठन से कमल प्रधान, किसान नेता बलबीर सिंह बजाड़, मास्टर राज सिंह जताई, पूर्व कर्मचारी नेता सज्जन कुमार सिंगला व महिला नेत्री रतनी डोहकी ने संयुक्त रूप से की। मंच का संचालन किसान सभा ने कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरजभान झोजू, सुरेन्द्र कुब्जा नगर, रणधीर घिकाड़ा, अनिल शेषमां, सुबेदार सतबीर सिंह, समुन्द्र सिंह कितलाना, रामानन्द धानक, सुलतान खान, शमशेर सांगवान, औम प्रजापति शामिल थे।

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