16 को मकड़ौली टोल पर महापंचायत तो 18 को रोकी जाएंगी रेल : संयुक्त किसान मोर्चा

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 14 अक्तूबर,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर तिकुनिया की घटना को लेकर किसानों में भारी रोष है। किसानो ने कहा कि हमारी मांग है कि घटना के दोषी केन्द्रीय गृह राज्य मन्त्री को बर्खास्त कर उन पर गंभीर मुकदमा करवा उन्हें  गिरफ्तार करवाने की है। इसी को लेकर 16 अक्तूबर को मकड़ौली टोल पर बड़ी महापंचायत और 18 अक्तूबर को पूरे देश में रेल रोकने का निर्णय लिया गया है।

उक्त निर्णय की घोषणा सांगवान खाप चालीस के प्रधान व दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर धरने को सम्बोधित करते हुए की है। उन्होने आरोप लगाया कि जब तक केन्द्रीय गृह राज्य मन्त्री अपने पद पर बने रहेंगे, तब तक घटना के दोषियों को बचाने का काम करेंगे, घटना की निष्पक्ष जांच तथा दोषियों को सजा करवाने का काम नहीं होगा।

 किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने आरोप लगाया कि आज केन्द्र सरकार की गलत नीतियों ने देश में बिजली संकट पैदा कर दिया है और देश की बड़ी बिजली कम्पनियों को महंगी बिजली बेचने का अवसर दिया जा रहा है। मंहगाई ने जनता का बुरा हाल कर दिया है, किसान की फसल औने पौने दामों पर बिकवाई जा रही है। डीएपी खाद के लिए थानों के बाहर लाईन में खड़ा होने के लिए मजबूर है। खाद्य पदार्थों व अन्य बस्तुओं के बढ़ते भावों ने गरीबों की कमर तोड़ दी है। 

प्रधान मन्त्री व उनकी कैबिनट देश की सम्पतियों को अपने चहेतों को लुटवा रहे है और नाम तेज गति से विकास तथा आत्म निर्भरता मजबूत बनाने का ले रहे हैं। कितलाना टोल पर धरने के 294 वें दिन की अध्यक्षता सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, स्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से प्रताप सिंह सिंहमार, चौ छोटूराम, डा0 अम्बेडकर मंच से गंगाराम स्योराण, युवा कल्याण संगठन से राजू गोरीपुर, जाटू खाप से मास्टर राजसिंह, चौगामा खाप से मीरसिंह नीमड़ीवाली, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से दिलबाग ढुल व महिला मोर्चा से चन्द्रकला व विद्या डोहकी ने संयुक्त रूप से की। मंच का संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। 

इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरजभान झोजू, बलबीर सिंह बजाड़, सुखदेव पालवास, सुबेदार सतबीर सिंह, समुन्द्र सिंह धायल, परमजीत फतेहगढ़, राजेन्द्र जांगड़ा, रामानन्द धानक, जयप्रकाश प्रजापत, सुलतान खान, शमशेर सांगवान, राजविरेन्द्र कालूवाला, बिजेन्द्र चरखी व चन्द्रसिंह बड़ा पैतावास शामिल थे।