कितलाना टोल पर धरने के 285वें दिन गूंजे नारे-किसानों के हत्यारों को गिरफ्तार करो, गिरफ्तार करो

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

05 अक्तूबर,केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार लखीमपुर के हत्यारों को संरक्षण दे रही है। अगर ऐसा नहीं होता तो अब तक निर्दयता की हद पार करने वाले मुजरिम जेल की सलाखों के पीछे होते। यह बात श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने लोकतंत्र के मायने ही बदल दिए हैं ना केवल लखीमपुर जाने वाले किसान नेताओं को जबरदस्ती रोका गया बल्कि किसानों के आंसू पोंछने के लिए जा रहे विपक्षी नेताओं को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि जुल्म की इंतहा ने अंग्रेजों के शासन काल को भी पीछे छोड़ दिया है।

सांगवान खाप चालीस के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई ने कहा कि सरकार ने तीन काले कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के दौरान कई बार भाईचारे को तोड़ने के प्रयास किया लेकिन हर बार असफल रही। जब कोई और चारा ना चला तो सरकार का यह घिनौना चेहरा लोगों के सामने आया है जिसमें शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों पर केंद्र में गृह राज्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे अजय मिश्र के बेटे और उसके गुर्गों ने निर्दयता से गाड़ी चढ़ा दी। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है। उन्होंने कहा कि देश के किसान और मजदूर इस ज्यादती को सहन नहीं करेंगे और मौका मिलने पर सूद सहित बदला लेंगे।

कितलाना टोल पर धरने के 285वें दिन सांगवान खाप के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह जताई, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, गंगाराम श्योराण, शब्बीर हुसैन, डॉ राज गौरीपुर, अत्तर सिंह समसपुर, महिला नेत्री संतरा डोहकी, प्रेम शर्मा कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि तीन काले कानूनों  के खिलाफ चल रहा हमारा सांझा संघर्ष जीत हासिल करने तक शांतिपूर्वक जारी रहेगा। उन्होंने चंडीमंदिर टोल जाम के दौरान किसानों पर बने मुकदमों की निंदा करते हुए उन्हें वापिस लेने की मांग की।धरने का मंच संचालन गंगाराम श्योराण ने किया।

इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, राजू मान, प्रोफेसर जगमिंद्र, लवली सरपंच, सूबेदार सत्यवीर, प्रेम थानेदार, शमशेर सांगवान, सुल्तान खान, सुरेश डोहकी, चंद्र सिंह सांगवान, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, राजबाला, फुला देवी, जगदीश झोझू, सुल्तान खान, बलबीर रासीवास, धनपत पैंतावास, शिवलाल दातोली, श्याम कितलाना इत्यादि मौजूद थे।

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