लखीमपुर की घटना को लेकर कितलाना टोल पर किसानों में गुस्से का उबाल, मुख्यमंत्री के बयान की हुई कड़ी निंदा, शवयात्रा निकाल फूंका पुतला

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

04 अक्तुबर, यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई घटना और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर के कड़वे बोल किसी बड़े षडयंत्र की ओर इशारा कर रहे हैं। यह बात दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान चालीस के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन पिछले 314 दिन से बेहद शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है और सरकार कई बार इसे दबाने और कुचलने के प्रयास कर चुकी है। इन दोनों घटनाओं के पीछे सरकार का कोई बहुत बड़ा खेल नजर आ रहा है जिससे सचेत रहना जरूरी है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद बेहद गरिमा का होता है जिसकी जिम्मेदारी होती है कि वो प्रदेश के लोगों का कल्याण करे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री इस पद के लिए ली गई शपथ को भूल गए हैं और लोगों को आपस में भिड़वाने के लिए लठ उठाने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान- मजदूर मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों की मंशा को समझ गए हैं लेकिन हम अहिंसा का रास्ता नहीं छोड़ेंगे और अपना आंदोलन शांतिप्रिय ढंग से जारी रहेंगे।

किसान नेता सत्यवान बलियाली ने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों की ताकत को ललकारने की भूल ना करें। उन्होंने कहा कि किसान का जवान बेटे ही देश की सरहद की रक्षा कर रहे हैं ऐसे में खट्टर का बयान दोनों को चुनौती देने वाला है लेकिन मुख्यमंत्री इसके परिणाम से अनभिज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की बर्खास्तगी होनी चाहिए ताकि संविधान की रक्षा हो सके।इससे पहले कितलाना टोल पर नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री की शवयात्रा निकाल पुतला दहन किया गया। कितलाना टोल पर धरने के 284वें दिन सांगवान खाप के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, युवा कल्याण संगठन के सुभाष यादव, रामकिशन चरखी, बिमला कितलाना, रतन्नी देवी, कृष्णा, फुला देवी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने लखीमपुर खीरी घटना के दोषियों पर 302 का मुकदमा बनाने के साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिस्र को बर्खास्त कर मुकदमा बनाने की मांग की।

इस अवसर पर किसान नेता राजू मान, सुरेंद्र कुब्जानगर, प्रोफेसर जगमिंद्र, जगदीश, सोमबीर, जयबीर, देशराम, मामराज घणघस, धर्मपाल, सतपाल, जगदीश श्योराण, सुधीर सांगवान, वीरेंद्र बेनीवाल, अजमेर, ओमप्रकाश गोयत, सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, प्रेम थानेदार, शमशेर सांगवान, ओम नम्बरदार इत्यादि मौजूद थे।

error: Content is protected !!