कहा- ज्यादा बारिश की वजह से धान, कपास, बाजरा, दाल और सब्जियों में हुआ भारी नुकसान
हर सीजन में होता है गिरदावरी का ढोंग, किसानों को नहीं मिलता मुआवजा- हुड्डा
किसान पर पड़ रही है मौसम, महंगाई, सरकारी कु’नीति व वादाखिलाफी की चौतरफा मार- हुड्डा
फल-सब्जियों पर 2 फीसदी मंडी फीस लगाने का फैसला वापिस ले सरकार- हुड्डा

27 सितंबर, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एकबार फिर भारी बारिश और जलभराव की वजह से खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग उठाई है। हुड्डा का कहना है कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश की वजह से हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, जींद, कैथल, भिवानी, रोहतक, सोनीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र समेत प्रदेशभर में किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। धान, कपास, बाजरा, मक्का, ग्वार, दाल और सब्जियों में सौ फीसदी तक खराबा हुआ है। हर सीजन में फसली नुकसान के बाद सरकार मुआवजे का आश्वासन देती है और गिरदावरी का ढोंग करती है, लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिलता। इसलिए सरकार को किसानों के साथ वादाखिलाफी बंद करके उसके नुकसान की तुरंत भरपाई करनी चाहिए। और खासकर जिन इलाकों व गावों में जलभराव की स्थिति ज्यादा बुरी है, वहां पानी निकासी की व्यवस्था तुरंत करनी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज किसान पर मौसम, महंगाई, सरकारी कु’नीति व वादाखिलाफी की चौतरफा मार पड़ रही है। खेत में बारिश की वजह से किसान की मेहनत पर पानी फिर रहा है। सरकार का वायदा था 25 तारीख से खरीद शुरू हो जाएगी। लेकिन, मंडी में किसान की फसल, सरकारी लेटलतीफी का शिकार हो रही है। बार-बार मांग किए जाने के बावजूद अबतक सरकार ने मंडियों में धान की खरीद शुरू नहीं की है। इसलिए किसानों को मजबूरी में एमएसपी से कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ धान ही नहीं, फल और सब्जी उत्पादकों व व्यापारियों को भी सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बीजेपी-जेजेपी सरकार की तरफ से मंडियों में सब्जी और फलों पर 2% मार्केट फीस लागू कर दी गई है। हुड्डा ने बताया कि उनकी सरकार के दौरान किसानों व व्यापारियों को राहत देते हुए इस फीस को खत्म कर दिया था। लेकिन, मौजूदा सरकार ने फिर से फीस लगाकर फसल उत्पादकों व व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ डालने का काम किया। सरकार को मंडी फीस लगाने का फैसला फ़ौरन वापिस लेना चाहिए।

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