देश के अन्नदाताओं को द्रेशद्रोही बोलना भाजपा सरकार की निम्र स्तर की सोच : सोमबीर सांगवान चरखी दादरी जयवीर फोगाट 18 सितंबर – संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 27 सितंबर को होने वाले भारत बंद के लिए किसानों ने अपनी पूरी तैयार कर ली है। किसानों कहा कि भारत बंद के दौरान किसान पूरी तरह से एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाएंगे तथा सरकार को झुकान का काम करेंगे। इसके साथ ही किसानों ने सरकार को चेतावानी दी है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द कृषि कानूनों को खत्म करें, नहीं तो किसान देश भर में ओर भी बड़ा आंदोलन करेंगे। यह बात किसान नेता कमल सिंह प्रधान एवं सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर जारी किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कही। किसानों के धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता कमल सिंह प्रधान ने कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी होने का परिचय देती जा रही है। पहले कृषि कानून लाकर किसानों को मारने का काम किया और अब नया भूमि अधिग्रहण बिल लागू करना चाहती है, जिससे किसान स्वयं ही अपनी ही जमीन का मालिकाना हक खो देंगा। सरकार को चाहिए कि पहले से घाटे का सौदा बनती जा रही कृषि व किसान को थोड़ा राहत देने का काम करें, लेकिन भाजपा सरकार इसके उल्ट पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस दौरान किसान देश भर में अपनी एकता का परिचय देते हुए सरकार को झुकाने का काम करेंगे। इस मौके पर धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता सोमबीर सांगवान ने कहा कि देश के अन्नदाता पिछले दस माह से कितलाना टोल पर धरनारत्त है और सरकार इनकी मांग मानने की बजाए इन्ही खालिस्तानी व आंतकवादी बोल रही है। यह भाजपा सरकार की निम्र स्तर की सोच है कि वो देश के अन्नदाताओं के लिए ही आतंकवादी जैसे शब्द इस्तेमाल कर रही है। तीनो कृषि कानून किसानों को बर्बाद करने के साथ-साथ आमजन को भी महंगाई की दलदल में डुबाने का काम करेगा। भाजपा सरकार को चाहिए कि किसानों की मांगों को मानते हुए कृषि कानूनों के खत्म करने का काम करें, नहीं तो किसान ओर भी बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस अवसर पर सांगवान खाप से मा. ताराचंद, श्योराण खाप से बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप से धर्मपाल महाराना, जाटू खाप से महाबीर धनाना, छोटूराम अंबेडकर मंच से बलबीर बजाड़, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से दिलबाग ढुल, नीम्बो डोहकी, कृष्णा डोहकी, बिमला कितलाना, कृष्णा गौरीपुर, लक्ष्मी डोहकी, संतरो कितलाना, मा. राजसिंह जताई, सुरेंद्र कुब्जानगर, आजाद प्रधान अटेला, कंवर सेन सांगवान, नागेराम, धर्मेंद्र छपार, शमशेर पैतास, सत्यवान कालुवाला, विनोद जांगड़ा, सुरेश शर्मा, जयप्रकाश प्रजापत, सुल्तान खान, नरेंद्र धनाना सहित अनेक किसान मौजूद रहे। Post navigation संयुक्त किसान मोर्चे के आहृवान पर 27 को मुक्कमल बंद होगा भारत : नरसिंह सांगवान डीपीई राजदीप फौगाट ने व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन से मुलाकात कर जलभराव से प्रभावित दुकानदारों के लिए की मुआवजे मांगा