वर्ष 2022 तक आय दोगुनी करने की बजाए किसानों को ही खत्म कर देगी सरकार

किसानों को बर्बाद करने के लिए सरकार ने विभिन्न कंपनियों को दिया है ठेका।
महिला उत्थान की बात करने वाली भाजपा सरकार में आज महिलाएं सडक़ों पर
कितलाना टोल पर किसानों का धरना 265वें दिन भी रहा जारी 

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 14 सितंबर – वर्ष-2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने बात करने वाली भाजपा सरकार वर्ष 2022 से पहले आय दोगुनी करने की बजाए किसानों को ही खत्म कर देगी। इसके लिए सरकार के आदेशों पर विभिन्न कंपनियों कृषि व्यवस्था को बर्बाद करने के लिए आगे आ चुकी है तथा कंपनियों द्वारा खेतों के बीच से तारे डाली जा रही है, जिससे खेत की उपजाऊ शक्ति खत्म होने के साथ-साथ किसानों की आय भी खत्म हो रही है और इसके लिए उन कंपनियों द्वारा किसानों को मुआवजा भी ना के बराबर दिया जा रहा है। यह बात कृषि कानूनों के विरोध में कितलाना टोल पर पिछले दस माह से जारी किसानों के धरने को संबोधित करते हुए किसान नेताओ ने कही।

 बता दे कि मंगलवार को कितलाना टोल किसानों का धरना 265वें दिन में प्रवेश कर गया। धरने को संबोधित करते हुए किसान नेताओ ने कहा कि पिछले दो वर्षाे के दौरान भगाना, उमरा, कुंगड़, बवानीखेड़ा, बड़सी, दुर्जनपुर, भैणी सहित अनेक गांवों के खेतों में गैस की पाईप लाईन बिछाई जा रही है। इस गैस पाईप लाईन के रास्ते में आने वाले सभी बागों को भी जबरदस्ती काट दिया गया और किसानों को दिए जाने वाला मुआवजा भी 20 से 25 वर्ष पुराने फॉर्मूले के आधार पर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों को एक अमरूद के पेकड़ का मुआवजा 30 वर्षो तक नौ हजार रूपये दिया, जितना एक पेड़ एक वर्ष में आमदनी दे देता है। इसीलिए वे सरकार से मांग करते है कि कृषि कानून खत्म किए जाने के अलावा अमरूद व अन्य बागवानी फसलों का रेट नए फॉर्मूले के आधार पर किसानों को दिया जाए। 

उन्होंने कहा कि जब से देश व प्रदेश में भाजपा सरकार बनी है, किसानों के लिए सिर्फ मुसीबते ही बढ़ी है। कृषि व्यवस्था के जरिए पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए भाजपा सरकार किसानों को मारना चाहती है तथा जो किसान इसके विरोध आवाज उठाता है, उस पर लाठियां बरसाकर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है।

 उन्होन ने कहा कि भाजपा सरकार महिला उत्थान एवं विकास की बड़ी-बड़ी ढ़ीेंगे हांकती है, लेकिन आज महिला किसान अपने परिवार के हक के लिए सडक़ों पर बैठने को मजबूर है, लेकिन सरकार अब सिर्फ तमाशबनी हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ ब्यानबाजी व किसान विरोधी सरकार बनकर रह गई है, जो सिर्फ पूंजीपतियों के ईशारे पर कार्य करती है। किसानों ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले दस माह से धरनारत्त है, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा। सरकार सोचती है कि किसान थक-हारकर घर चले जाएंगे, लेकिन किसान तब तक संघर्ष जारी रखेंगे, जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती।

 इस अवसर पर रामानंद धानक पूर्व सरपंच कालुवाला, मा. राजसिंह, बिजेंद्र बेरला, मीरसिंह निमड़ीवाली, नींबो डोहकी, प्रेम कितलाना, संतोष पैतांश, रणधीर घिकाड़ा, सूरजभान प्रधान, सुरेंद्र कुब्जानगर, कमल प्रधान, कप्तान रामफल, जगदीश हुई, सत्यवीर, सुरेंद्र, लवली सरपंच, जोगेंद्र सांगवान, अजीत धनाना, सज्जन धनाना, अजमेर तालु, पारस धनाना, राजेराम कुंगड़, संदीप कुंगड़, रामचंद्र कुंगड़, छोटो देवी धनाना, मूर्ति देवी धनाना, कश्मीर बवानीखेड़ा, सुशीला घणघस, देशमुख दादरवाल, मुकेश शर्मा ढ़ाणीमाहु, अनिल शेषमा सहित अनेक किसान मौजूद रहे। 

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