अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया दादरी कन्या विद्यालय में

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

08 सितंबर -शिक्षा मनुष्य की उन्नति का पायदान है, जिस पर कदम रखकर व्यक्ति सुनहरे भविष्य के ख्वाब देखता है। एक बालक का सर्वांगीण विकास पढ़ाई-लिखाई से ही होता है। निरक्षरता तो जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दादरी में आयोजित किए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिखा यादव ने ये शब्द कहे। उन्होंने कहा कि साक्षरता के बिना मनुष्य कदापि प्रगति नहीं कर सकता। आदिकाल से ही हमारे भारतवर्ष गुरूकुल की परंपरा चली आ रही है। शिक्षा के कारण ही भारत को विश्वगुरू माना जाता है। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से समय-समय पर समाज के लिए लाभकारी एवं कल्याणकारी अभियान चलाए जाते हैं। इन्हीं में से एक था पर्यावरण संरक्षण। इसके दौरान स्कूली विद्यार्थियों के बीच स्लोगन राइटिंग, पोस्टर मेकिंग, कविता आदि विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई गई थीं। आज उन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रशंसा पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया जा रहा है। उन्होंने इन बच्चों को पर्यावरण की अलख जगाने के लिए शुभकामनाएं दीं।

विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव शिखा यादव ने इस अवसर पर महिलाओं और बच्चों के कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संविधान में बच्चों को उचित पालन-पोषण और शिक्षा हासिल करने का अधिकार प्राप्त है। कोई भी मां-बाप यह कहकर बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं कर सकते कि उनके पास पर्याप्त धन नहीं है। सरकार ने राइट टू एजुकेशन कानून बनाकर बच्चों को पूरी तालीम हासिल करने का अधिकार दिया है। इस कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल ने दादरी जिला में शिक्षागत ढ़ांचा और भविष्य के कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह में राजकीय कन्या विद्यालय के प्राचार्य श्रीभगवान शर्मा, अधिवक्ता पूनम सांगवान, कानूनी साक्षरता के जिला समन्वयक सतीश साहू, शर्मिला सांगवान, विरेंद्र कुमार, सुरेश  कुमार, जयभगवान, संदीप, रितु  इत्यादि उपस्थित रहे।

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