सृष्टि की हर वस्तु हर जीव एक दूसरे के लिए ज्ञान का स्रोत है। दिनोद धाम जयवीर फोगाट 05 सितंबर – अध्यापक दिवस छात्र और शिक्षक का या गुरु शिष्य विशेष का ही दिन नहीं है अपितु यह तो पूरे विश्व में हर व्यक्ति द्वारा मनाया जाने वाला दिवस है क्योंकि बिना गुरु के ज्ञान नहीं और सृष्टि की हर वस्तु हर जीव एक दूसरे के लिए ज्ञान का स्रोत है। इन सब से ऊपर है सतगुरु क्योंकि गुरु अनेको होते हैं लेकिन सतगुरु केवल एक है। सतगुरु वो है जो सत्य का ज्ञान करवाये और सत्य केवल एक परमात्मा है। यह सत्संग ज्ञान परमसंत सतगुरु कँवर साहेब जी महाराज ने दिनोद गांव में स्थित राधास्वामी आश्रम में दिया। हुजूर महाराज जी ने कहा कि यह जीवन थोड़ा है इसलिए हमें चेत कर हरि का नाम भजना चाहिए क्योंकि सांसारिक छटपटाहट से हरि नाम ही छुटवा सकता है। हरि नाम से प्रेम सतगुरु करवाता है। उन्होंने कहा कि जो गुरु की बातों में अपनी चालाकी लगाता है, अपनी बुद्धि जोड़ता है वो इस दुनिया का सबसे बड़ा मूर्ख है। गुरु आपका अज्ञान हरने के लिए ही आपको हर वचन थमाता है लेकिन वचन तभी काम करता है जब हम वचन को उसी भाव से आत्मसात करें। वक़्त की नजाकत के अनुसार जो अपने आप को बदल लेता है वहीं सूझवान है। सन्त सतगुरु की बात संसार को मिथ्या लगती हैं लेकिन जिसको समझ है, जो अध्यात्म की राह में चलना चाहता है उसके लिए तो उसके लिए ये खजाने के समान है। कँवर साहेब ने फरमाया कि दुनियादार तो भौतिक वस्तुओं को ही बड़ी मानते हैं। इंसान की बुद्धि बहुत भर्मित है क्योंकि इसके ऊपर माया के पर्दे पड़े हैं। विषय विकारों के कारण हमने अपने जीवन को छोटा कर लिया बोझ बना लिया। सन्त महात्मा ज्ञानी ध्यानी कोई लम्बा जीवन नहीं चाहते। जीवन लम्बा वो चाहता है जो संसार की ममता में फंस जाता है। क्या जीवन है यदि अपने मां बाप की सेवा नहीं की। गुरु को माना नहीं। जिनका भक्ति का लक्ष्य है उन्होंने तो अपने हर काम को सुमिरन भजन बना लिया। भक्त काल्पनिक भक्ति नहीं करता वो तो यथार्थ भक्ति को कमाते हैं। कितने सन्त महापुरुष इसी धरा पर अवतरित हुए जिन्होंने जीवन का ऐसा दर्शन लोगो को दिया जिससे करोड़ो जीवो का उद्धार हुआ। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि आने वाला समय बहुत विकट होगा जहां धर्मावलम्बी इंसान बहुत कम मिलेगा। उन्होंने कहा कि चिंता दूसरों की नहीं खुद की करो। अगर हम पापी को ढूंढते हैं तो हम उससे भी बड़े पापी हैं क्योंकि उसने तो पाप करके इतिश्री कर ली होगी लेकिन हम पापी को ढूंढने में एक एक पल पाप का ही चिंतन करते हैं। नेक विचार और नेक ख्यालात के साथ जीने वाला व्यक्ति हर हालात में खुश रहता है क्योंकि उसका हर पल परमात्मा के ख्याल में बीतता है। गुरु महाराज जी ने कहा कि सत संगति ही आपका उद्धार करेगी क्योंकि हर वक़्त इंसान ध्यान साधना में नहीं बिता सकता ऐसे में इंसान की संगति ही उसको अच्छाई से दूर नहीं होने देगी। राम को तो चाहे रीझ कर भज लो या खीज कर वो फलदायी ही होगा। उन्होंने कहा कि हम बड़े भागी जीव हैं जो परमात्मा ने हमें इंसानी चोले के रूप में इतना बेहतरीन तोहफा दिया है। इस तोहफे का फायदा उठाओ। चर्चा करो तो नाम की सतगुरु की और सत्संग की करो। अपना कर्म बनाओ वही आपकी मदद करेगा। Post navigation महापंचायत की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ ने तोड़ा सरकार का गुरुर : नरसिंह सांगवान डीपीई मुज्जफरनगर महापंचायत ने भाईचारा जोड़ने के साथ भाजपा की राजनीतिक जमीन खिसकाई : सोमबीर सांगवान