किसानों ने कितलाना टोल धरने के 239वें दिन सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

20 अगस्त, हरियाणा सरकार के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान को लेकर किसानों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। आज कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए सांगवान खाप 40 के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई ने कहा कि राजनाथ सिंह के बयान में विरोधाभास है एक तरफ वे स्वीकार कर रहे हैं कि खेती घाटे का सौदा बनकर रह गई है लेकिन उनका यह कहना पूरी तरह से झूठ है कि केंद्र सरकार ने किसानो के फायदे के लिए तीन कृषि बनाए हैं। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि ये काले कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहते महा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं इसमें किसान और मजदूर को सिवाए नुकसान के कुछ हासिल होने वाला नहीं है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का यह कहना कि सरकार वार्ता के लिए तैयार है परंतु वह यह नहीं बता पाए की बातचीत लिए बाधा क्या है अगर सरकार गंभीर होती तो जनवरी के बाद बंद वार्ता कभी भी शुरू हो जाती और इस समस्या का सर्वमान्य हल निकल गया होता। उन्होंने कहा कि आंदोलन को चले नौ महीने होने को आये और इस बीच 600 से ज्यादा किसान अपनी शहादत दे चुके हैं पर सरकार टस से मस होने को तैयार नहीं है।

कितलाना टोल पर धरने के 239वें दिन अध्यक्षता सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, फौगाट खाप से राजपाल फौगाट, जाटू खाप से मास्टर राजसिंह, गंगाराम स्योराण, सुभाष यादव, करतार सिंह, दिलबाग सिंह ढुल, महिला नेत्री विद्यादेवी, कृष्णा देवी, बिमला, प्रेम शर्मा कितलाना ने संयुक्त रूप से की। उन्होंने कहा कि अन्नपूर्णा योजना महज सरकार जनता को गुमराह करने के लिए है। असल में एक हाथ से कुछ देकर दूसरे हाथ से कई गुणा लोगों की जेब से निकालने वाली सरकार की नीतियों को जनता भलीभांति समझ गई है। पेट्रोलियम पदार्थों की रिकॉर्ड तोड़ बढ़ी कीमतें और गैस के दामों में 7 महीने में 165 रुपए का इजाफा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।

इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, कप्तान चंदन सिंह, नंदराम अटेला, सत्यवान कालूवाला, प्रेम थानेदार, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिहं धायल, सूबेदार सतबीर सिंह, जीवन डोहकी, ओम नम्बरदार चरखी, बलजीत, श्योनारायण मानकावास, शमशेर पैंतावास, कुलदीप, सत्यवान कितलाना, ईश्वर कोंट, मास्टर सुरेंद्र गौरीपुर इत्यादि मौजूद थे।