कितलाना टोल पर धरने के 223वें दिन दिल्ली में अबोध बालिका के साथ हुई दरिंदगी पर किसानों ने जताया रोष

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

4 अगस्त, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली मोदी सरकार में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ते जा रहे हैं। यह बात महिला किसान नेत्री कृष्णा छपार ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जब प्रदेश के किसी कोने में किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार छेड़छाड़ या बलात्कार जैसे जघन्य अपराध ना होते हों। उन्होंने कहा कि अपराधी बेलगाम हैं और घटनाओं को अंजाम दे भाग खड़े होते हैं।

उन्होंने दिल्ली में एक अबोध बालिका के साथ हुई दरिंदगी की निंदा करते हुए कहा कि लोग अभी निर्भया कांड को भूले भी नहीं थे कि इस घटना ने दोबारा से उन जख्मों को फिर से हरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे जिन लोगों का भी हाथ है उन्हें सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका देना चाहिए ताकि अपराधियों को सबक मिल सके। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को पूरा न्याय मिलना चाहिए और अगर इसमें कोताही बरती गई तो किसान मजदूर मिलकर कड़ा कदम उठाने को विवश होंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 223वें दिन खाप सांगवान 40 के सुरजभान सांगवान, खाप श्योराण 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप के बलवन्त नम्बरदार, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह, किसान सभा के प्रताप सिंह, चौगामा खाप के मीरसिंह निमड़ीवाली, गंगाराम श्योराण, ओमप्रकाश दलाल, डॉ राजू गौरीपुर, शीला देवी, रतन्नी देवी,  राजबाला कितलाना,  कृष्णा छपार, फुला मलिक, वीरा, मामकौर डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार अहंकार में भरी बैठी है। यही वजह है कि किसान आंदोलन को 253 दिन बीत जाने के बाद भी बातचीत करने को तैयार नहीं है। 

धरने का मंच संचालन सुखदेव पालवास ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सुरेन्द्र कुब्जानगर, आजाद सिंह अटेला, सब्बीर हुसैन, सुभाष यादव, मदन सिंह, सुरेश डोहकी, सीताराम, नत्थूराम फौगाट, कप्तान रामफल, सूबेदार सतबीर सिंह, सत्यवान कालुवाला, ईश्वर कोंट, कप्तान चंदन सिंह, सूबेदार कंवरसेन सांगवान इत्यादि मौजूद थे।

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