समाचार पत्र समूहों पर छापेमारी तो एक बहाना है, मकसद तो देश की मीडिया को डराना है
ये सरकारी आतंकवाद है, लोकतांत्रिक देश मे तानाशाही का दौर चल रहा है, संवैधानिक नियमों पर बेड़ियां डाल दी गई हैं

पटौदी 22/7/2021 : देश के कुछ निजी समाचार पत्र समूहों के प्रतिष्ठानों पर की गई ईडी व आयकर विभाग की छापेमारी से आज देश की राजनीति पूरे उफान पर रही। किसी ने इस कार्यवाही को सरकार का डर व इसकी तानाशाही कहा तो किसी ने इसे देश के ज्वलन्त मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की सरकारी साज़िश बताया।

हरियाणा प्रदेश महिला कॉन्ग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने इसी बारे प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा कि किसानों के इस आंदोलन का जन आंदोलन बनने से घबराई बीजेपी ने किसान मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए मीडिया हाउसों पर ये छापेमारी की है। उन्होंने कहा कि मीडिया प्रतिष्ठानों पर सरकार द्वारा कराई गई छापेमारी से साफ लग रहा है कि तानाशाह कलम से डरते हैं।

कॉन्ग्रेस नेत्री ने प्रेस के नाम लिखे पत्र में बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इसमें कोई दो राय नही ये बीजेपी सरकार देश के लिए पनौती है। जब से ये सरकार बनी है तब से देश पर और देश के नागरिकों पर समस्याएं ही समस्याएं आ रही है। पूर्ण बहुमत के बावजूद अपनी अनुभवहीनता के कारण सत्ता संभालने में ये बीजेपी पूर्णतया विफल साबित हुई है।

और ऐसी स्थिति में ये बीजेपी सरकार बौखलाहट में अपनी रत्तीभर आलोचना भी सहन नहीं कर सकती है, ये इसकी फासीवादी मानसिकता है जो लोकतंत्र में सच्चाई का आइना देखना भी पसंद नहीं करती है।

उन्होंने कहा कि ये इस बीजेपी का फंडा रहा है कि एक बड़ी समस्या व मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ये एक बड़ा मुद्दा जनता के हाथों में झुनझुने के रूप में थमा देते हैं, और जनता है कि इनके पिछले पाप भूल कर इनके ही द्वारा पैदा किये गए नए झमेले में उलझ जाते हैं।

वर्मा ने कहा कि अब किसान आंदोलन से निपटने में असफल रही इस सरकार ने पहले पेगासस जासूसी कांड के जिन्न को बाहर निकलने दिया जब ये इनकी गले की फांस बनने लगा तो ईडी व आयकर विभाग को आगे करके जनता को फिर उलझा दिया। वर्मा के कथनानुसार ये छापेमारी सरकारी आतंकवाद है, लोकतांत्रिक देश मे तानाशाही का दौर चल रहा है, संवैधानिक नियमों पर बेड़ियां डाल दी गई हैं।

प्रदेश महासचिव ने कहा कि असली मुद्दे को दबाने के लिए पूरे भारत में स्क्रिप्ट के बैनर तले अलग अलग कांड करवाए जा रहे हे ताकि पब्लिक असली मुद्दे से भटक जाए इसी कड़ी में समाचार पत्र समूह के यहां छापेमारी करना एक बहाना है, मकसद तो देश की मीडिया को डराना है, क्योंकि इनसे जहां पेगासस नही पहुंचा वहां इनका आयकर विभाग पहुंच रहा है। ये कायर भाजपाई सत्ता का क्रूर चेहरा है और इस डरी हुई सत्ता की असलियत है ये।

वर्मा ने कहा कि जब तक हम अपराधियों के संगठित गिरोह को राजनीतिक दल मानते और समझते रहेंगे तब तक उसकी कीमत चुकानी ही पड़ेगी। वह कीमत होगी पेगासस स्पाईवेयर के प्रयोग द्वारा लोकतंत्र का अपहरण, बलात्कार और हत्या।
कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि देश की अग्रणी मीडिया संस्थान के ठिकानों और उसके प्रमोटर के घर और ऑफिस पर कर चोरी के नाम पर आयकर विभाग टीम की छापेमारी इस लिए की जा रही है क्योंकि उसने कोरोना काल में वैक्सीन की कमी, दवाइयों, ऑक्सीजन, अस्पताल के हालात पर सरकार की नाकामियों की खुलकर रिपोर्टिंग की थी।

वर्मा ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास करने वाली सरकार क्या बता पाएगी की सरकार ने पेगासस खरीदा या नहीं, या फिर भारत सरकार में पेगासस को किसने खरीदा और तैनात किया अथवा इस खरीद को किसने अधिकृत किया और सरकार अपने ही लोगों की जासूसी क्यों कर रही है?

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