दक्षिणी हरियाणा के अहीरवाल से केंद्र में भूपेंद्र और इंद्रजीत दो वजीर. पहली ही बार में भूपेंद्र यादव को मोदी ने बनाया कैबिनेट मंत्री. भूपेंद्र यादव को पर्यावरण के साथ-साथ श्रम मंत्रालय का प्रभार भी दिया गया है.अहीरवाल के क्षत्रप राव इंदरजीत को नहीं मिल सका प्रमोशन फतह सिंह उजाला केंद्र में पीएम मोदी सरकार दो के कार्यकाल में मंत्रिमंडल का विस्तार अपने आप में राजनीतिक विश्लेषकों के लिए संभवतः नया राजनीतिक बीजगणित ही कहा जा सकता है । बुधवार को मोदी कैबिनेट में शामिल किए गए 47 मंत्रियों में 27 ओबीसी और 20 एससी-एसटी वर्ग से संबंधित हैं । लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात हरियाणा प्रदेश और दक्षिणी हरियाणा सहित अहीरवाल को लेकर एकाएक चर्चा का विषय बन गई है । दक्षिणी हरियाणा के अहीरवाल और उस पर भी अहीरवाल के क्षत्रप राजनेता राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक गढ पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव जमालपुर के मूलनिवासी कहे जाने वाले भूपेंद्र यादव का जमालपुर से सीधा मोदी कैबिनेट में हाई जंप राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है। वैसे तो भूपेंद्र यादव के द्वारा अपनी राजनीति राजस्थान में अधिक समय तक की गई और राजस्थान से ही वह राज्यसभा के सांसद होने के साथ-साथ भाजपा संगठन में लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय महामंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभालने वालों में शामिल है । भाजपा संगठन के साथ-साथ भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व सहित पीएम मोदी के साथ भूपेंद्र यादव के संबंध बेहद करीबी , नजदीकी और विश्वसनीय माने जाते हैं । शायद यही कारण है कि भूपेंद्र यादव को पहली ही बार में पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। अब देखना यह है कि भूपेंद्र यादव को किस विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। हरियाणा से केंद्र में मंत्री बने रतन लाल कटारिया का त्यागपत्र भी निश्चित ही चैंकाने वाला विषय हो सकता है । राजनीतिक जानकारों और विश्लेषकों के मुताबिक उम्मीद की जा रही थी की मोदी मंत्रिमंडल का जब भी विस्तार अथवा मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होगा तो हरियाणा में बीजेपी सरकार बनवाने के लिए दक्षिणी हरियाणा-अहीरवाल से सबसे अधिक एमएलए दिलाने वाले राव इंद्रजीत सिंह को कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोशन दी जा सकती है । लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका , अब इसके क्या कारण रहे इन मुद्दों को लेकर भी राजनीतिक विश्लेषकों के द्वारा अपने अपने हिसाब से विश्लेषण किया जाना निश्चित है। कथित रूप से ऐसा भी माना जा रहा है की हरियाणा के सीएम खट्टर और केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बीच राजनीतिक खींचतान अक्सर विभिन्न मंचों पर सार्वजनिक रूप से भी होती हुई देखी जाती रही है। दूसरी और जानकारों को इस बात को लेकर भी हैरानी है कि बीते विधानसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढाने के लिए पुत्री आरती राव को टिकट दिलाने के लिए जबरदस्त पैरवी की गई , लेकिन उनकी टिकट के मामले में बिल्कुल भी नहीं चली । वही कुल मिलाकर राव इंद्रजीत सिंह के आज के दौर में राजनीतिक कद और हालात का आकलन किया जाए तो कांग्रेस को अलविदा कह कर हरियाणा इंसाफ मंच गठन के बाद बीजेपी में प्रवेश करने के साथ राजनीति रूप से राव इंद्रजीत सिंह ने जहां से अपना सफर शुरू किया था आज उसी मुकाम पर ही ठहरे हुए दिखाई दे रहे हैं । केंद्र में पीएम मोदी की पहली सरकार और दूसरी सरकार दोनों में ही राव इंद्रजीत सिंह राज्यमंत्री से ऊपर प्रमोशन लेकर कैबिनेट मंत्री नहीं बन सके । वही राव इंद्रजीत सिंह की पुत्रीसीएमके विषय में बात की जाए तो पहले भी वह प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की सदस्य थी और आज भी आरती राव प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की सदस्य ही हैं । सीधे और सरल शब्दों में आरती राव को प्रदेश भाजपा संगठन में पदाधिकारी की जिम्मेदारी नहीं मिलना भी एक रहस्यमई सवाल बना हुआ है। राव इंद्रजीत सिंह को राजनीतिक विरासत अहीरवाल के पटौदी क्षेत्र से चुनाव लडने और दक्षिणी हरियाणा सहित अहीरवाल से हरियाणा के पहले और अंतिम सीएम बनने वाले स्वर्गीय राव वीरेंद्र सिंह की बदौलत ही हासिल हुई है । राव इंदरजीत सिंह का कद इतना बडा है कि वह अकेले हरियाणा के ऐसे नेता है जो कि पांच बार सांसद का चुनाव जीतने वालों में शामिल है । वहीं हरियाणा में भी राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा अपने पिता राव बिरेंदर सिंह की सरपरस्ती में ही राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की गई । राव बिरेंदर सिंह के राजनीतिक प्रभाव और रसूख के कारण ही राव इंद्रजीत सिंह का हरियाणा में मंत्री बनना माना जाता है । अब जब केंद्र में मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है । इस मंत्रिमंडल विस्तार में दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल के दिग्गज राव इंद्रजीत सिंह को जहां कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोशन नहीं मिल सकी , वहीं पहली ही बार में भूपेंद्र यादव का जमालपुर से मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री पद पर जंप करना भूपेंद्र यादव के लिए बहुत बडी उपलब्धि माना जा रहा है । राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यूपी के चुनाव सिर पर आते जा रहे हैं । भूपेंद्र यादव पर भाजपा संगठन को इतना भरोसा रहा है कि भूपेंद्र यादव को विभिन्न राज्यों में चुनाव के दौरान जिम्मेदारी सौंपी गई। बिहार में भी भूपेंद्र यादव के द्वारा अपनी दूरगामी राजनीति का परिचय दिया जा चुका है। ऐसे में यही माना जा रहा है कि यूपी चुनाव को देखते हुए भूपेंद्र यादव को मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन दक्षिणी हरियाणा सहित अहीरवाल के राजनीतिक वर्चस्व का आकलन किया जाए तो आज के समय में मोदी मंत्रिमंडल में राव इंद्रजीत सिंह का राज्य मंत्री के तौर पर मौजूद रहना और भूपेंद्र यादव का कैबिनेट मंत्री बनना नए राजनीतिक विवेचन का विषय बनता दिखाई दे रहा है। Post navigation अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे ट्रांसपोर्टस, पीएम के नाम ज्ञापन वीरवार को जिला के 16 केन्द्रो पर लगाई जाएगी वैक्सीन की दूसरी डोज़