राहत नहीं दी गई तो देश व्यापी ट्रक हडताल के लिए मजबूर होंगे. 2021 में कोरोना महामारी के चलते कोई भी बड़ी राहत नहीं दी फतह सिंह उजालागुरूग्राम। कोरोना महामारी के दौरान भारत सरकार ने देश की सभी इंडस्ट्रीज की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए छह महा का मोरेटोरियम एवं एम एस एम ई फंड की तत्कालीत राहत दी थी। जिसके बाद सभी इंडस्ट्रीज को आर्थिक तौर पर संबल मिला था । परंतु इस साल 2021 में कोरोना महामारी की स्थिति में किसी भी उद्योग एवं ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्रीज को कागजात संबंधित छुट के अतिरिक्त किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं दी जा रही है । भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा पहले भी कई बार अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है, किंतु अभी तक न तो आरबीआई ने इस विषय में कोई छूट देने का संकेत दिया है और ना ही बैंक अपनी तरफ से कोई छूट देने को तैयार है। सरकार द्वारा मोरेटोरियम का निर्णय लेने की वजह से बैंकों द्वारा बार-बार किस्तों के भुगतान का दबाव ट्रांसपोर्ट उद्योग के साथ-साथ अन्य सभी लघु मध्यम व्यापारी वर्ग पीड़ित है । जबकि पिछली बार की अपेक्षा इस बार ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्रीज ज्यादा प्रभावित हुई है। बढती डीजल की कीमतों ईएमआई परमिट टैक्स, रोड टैक्स और ग्रीन टैक्स से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्रीज में नए एनपीए बढने का खतरा बढा है। वर्तमान स्थिति यह है कि 90 प्रतिशत वाहन सडकों पर खड़े धूल खा रहे हैं। यह बात भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाअधिकारियों व ट्रांसपोर्टरों की बैठक के बाद, रणवीर सिंह जिला अध्यक्ष गुरुग्राम के द्वारा मीडिया ये कही गई। बैठक में मुख्य रूप से डी एस नागर राष्ट्रीय अध्यक्ष, किताब सिंह चेयरमैन, रविंद्र भदानी कार्यकारिणी अध्यक्ष , मंजीत सिंह सिरसा राष्ट्रीय प्रभारी , रवि सेठी राष्ट्रीय जरनल सैकटी, अनिल भारद्वाज राष्ट्रीय प्रवक्ता, विकास जोशी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, राजेश चैधरी हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष, मुकेश सागवान उत्तर प्रदेश प्रभारी आदि लोग उपस्थित रहे। डी एस नागर ने कहा कि वर्ष 2015 में दिल्ली में ग्रीन टैक्स लागू हुआ था। उस वक्त सरकार द्वारा इस बाबत बताया गया था कि बीएस 4 ओर बीएस 6 आने के बाद ग्रीन टैक्स नहीं वसूला जाएगा किंतु बीएस 6 आने के बाद भी ग्रीन टैक्स की वसूली लगातार जारी है बीएस 4 में 20 से 25 प्रतिशत एवं बीएस 6 में 30 से 35 प्रतिशत का रेट ऑटोमोबाइल कंपनियों ने बढा दिए हैं। जिसकी मार भी ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्रीज पर पडी है। मोटर व्हीकल एक्ट 2019 में भारत सरकार के द्वारा नए वाहनों में एआरएआई सर्टिफिकेट दिया गया है। जिसमें नए वाहनों में डबल टैंक की अनुमति प्रदान की गई है। जबकि एआरएआई सर्टिफिकेट 2010 से लागू है इसके बावजूद व्हीकल एक्ट आधार बनाकर कमर्शियल गाड़ियों का 10000- 10000 का चालान किया जा रहा है उक्त नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है। जिसे ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्रीज को थोडी सी राहत मिल सके। वर्तमान में डीजल की कीमत 100 रूपए को छू चुकी है। जिससे गाड़ियों को चला पाना असंभव हो गया है। डीजल की बेलगाम कीमतों पर शीघ्र अंकुश लगाया जाए। ताकि ट्रांसपोर्ट थोडी सी राहत की सांस ले सके हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि हमारी समस्याओं का शीघ्र ही कोई समाधान निकाला जाए। अन्यथा हमारा संगठन विवश होकर देश व्यापी ट्रक हडताल के लिए मजबूर होगा । जिससे देश की अर्थव्यवस्था को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा । इससे पहले भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने मार्च निकाला। जिसमें एक बडा बैनर लेकर नारेबाजी करते हुए कि हमारी मांगे पूरी करो, बहुत हुई डीजल की मार, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में घोर अंधकार, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय बचाओ मोरेटोरियम लाओ, बदहाल हो रहे ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को राहत पैकेज दिया जाए, टैक्स में पेनेलटी माफ की जाए , 25 प्रतिशत किराए में बढोतरी हो जैसे के नारे लगाते हुए एक जुलूस के रूप में मोर चैक, सोहना चैक होते हुए पी डब्ल्यू रेस्ट हाउस के सामने से मिनी सचिवालय गुरुग्राम पहुंचे। जहां पर ज्ञापन देने के लिए सुशील कुमार नायब तहसीलदार पहुंचे, लेकिन ट्रांसपोर्ट ने मांग की कि हम अपना ज्ञापन डीसी गुरुग्राम को देंगे । उसके बाद एकता चैधरी आईएएस एसडीम गुरुग्राम मौका पर ज्ञापन लेने पहुंची, जो ट्रांसपोर्ट ने अपनी मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री भारत सरकार , सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री भारत सरकार , वित्त मंत्री भारत सरकार तथा मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन एसडीम गुरुग्राम को दिया । गुरुग्राम एसडीएम एकता चैधरी ने आश्वासन दिया कि मांगों का ज्ञापन उचित माध्यम से भिजवा दिया जाएगा । Post navigation आरटीसी भोंडसी क्षेत्र में हटाया गया अवैध कब्जा … भूपेंद्र यादव का जमालपुर से मोदी कैबिनेट में हाई जंप