पर धरने के 191वें दिन बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर किसानों ने की नारेबाजी चरखी दादरी जयवीर फोगाट 3 जुलाई,आज बढ़ती मंहगाई व भंयकर बेरोजगारी के चलते मजदूर व मध्यम वर्ग की जिंदगी नरक बनकर रह गई है। यह बात प्रमुख बुद्धिजीवी डॉ देवेंद्र बोहरा ने कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए थे और उससे पहले सरकार के नोट बंदी निर्णय ने औधोगिक उत्पादन की कमर तोड़ कर ररववा दी जिससे करोड़ों लोगों का एकदम रोजगार छूट गया था और प्रवासी मजदूरों के सामने भोजन और रिहायश की गंभीर समस्या पैदा हो गई थी। अपने अपने गांव में जाने की तमन्ना से यातायत नहीं मिलने के कारण हजारों मजदूर भूख व दुर्घटनाओं के शिकार होकर मौत के मुंह में चले गए। इस मौके पर किसानों में जन जागरण अभियान चलाने वाले डॉ अजय बल्हारा ने कहा कि जीएसटी ने मंहगाई बढ़ाकर बेरोजगारों का जीना हराम कर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने एक तरफ इलाज के अभाव में लाखों मजदूरों की जिंदगी समाप्त कर दी वहीं 2.2 करोड़ लोग अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने एक ही झटके में मजदूर वर्ग को शोषण से सुरक्षा देने वाले सभी कानून निरस्त करके चार कोड की आचार संहिता बना डाली जिसके परिणामस्वरूप काम के 8 घन्टो की बजाए 12 घण्टे कर दिए, मंहगाई के अनुसार न्यूनतम वेतन की अनिवार्यता समाप्त कर दी इससे पहले लाभदायक पेंशन सुविधा पहले ही समाप्त कर दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 191वें दिन सांगवान खाप से सुरजभान सांगवान, फोगाट खाप से धर्मपाल महराणा, श्योराण खाप से प्रधान बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से प्रतापसिंह सिंहमार, युवा कल्याण संगठन से कमल प्रधान, जाटू खाप से मास्टर राजसिह जताई, मीरसिंह निमड़ीवाली, महिला नेत्री सन्तरा डोहकी, सन्तोष देशवाल, बिमला कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसान आन्दोलन मांग करता है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ मजदूर विरोधी चार कोड रद्द करते हुए मंहगाई पर रोक लगे, असंगठित मजदूरों का न्यूनतम वेतन 24 हजार प्रति माह हो, बीमारी के चलते 10 किलो अनाज प्रति मजदूर प्रति माह मुफ्त दिया जाए और यह प्रवासी मजदूरों के लिये भी लागू हो। उन्होंने सभी मजदूरों को प्रति माह 7500 रुपये नकद देने के साथ जब तक कोरोना का प्रकोप रहे सभी का मुफ्त इलाज कराने की मांग भी उठाई। इस मौके पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरेन्द्र कुब्जानगर, रणधीर कुंगड़, आजाद प्रधान अटेला, कप्तान रामफल डोहकी, रामफल देशवाल, सत्यवान कालूवाला, जगदीश हुई, सुबेदार सतबीर सिहं, समुन्द्र सिहं धायल, डा० चन्दन सिंह समसपुर, सुबेदार कंवरशेर चन्देनी, महिपाल आर्य छ्पार, बलबीर सरपंच डोहकी, बबलू मानकावास, प्रेम सिंह, निहाल सिंह, धर्मबीर समसपुर, डॉ राजू गौरीपुर, राजबाला कितलाना, निम्बो देवी, सावित्री, दर्शना देवी इत्यादि मौजूद थे। Post navigation कमोद गांव के ग्रामीण टिकरी बार्डर के लिए खाद्य सामग्री लेकर हुएं रवाना : प्रधान बलवंत फौगाट स्वामी विवेकानंद की सोच से प्रेरणा ले आगे बढ़ रहा किसान आंदोलन : गंगाराम श्योराण