किसान आंदोलन में महिलाएं बराबर की सहभागी : संतोष देशवाल
कितलाना टोल पर धरने के 190वें दिन महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर हुआ चिंतन 

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

02 जुलाई, – आज राज्य व देश में कानून व्यवस्था का दिवाला पिट गया है और आए दिन लूट, हत्याएं, बलात्कार,फिरौती , आत्महत्याएं, दहेज उत्पीड़न की घटनाएं आम बात हो गई है। यह बात अध्यक्ष मंडल की सदस्य विद्या देवी ने कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भंयकर बेरोजगारी, मंहगाई ने इन घटनाओं में आग में घी डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि महिलाएं,गरीब वर्ग और शांतिप्रिय नागरिक इन घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। हर महिलाओं से सार्वजनिक व कार्यस्थलों पर छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं, प्रशासन व सरकार अपराधियों को पकड़ने व सजा दिलवाने में तत्परता से कार्यवाही करने में नाकाम रही है।

  जनवादी महिला समिति की जिला उपप्रधान संतोष देशवाल ने कहा कि पुरूष प्रधान समाज होने के कारण घरों में भी महिलाओं को उनका उचित सम्मान नहीं मिलने के कारण काम के बोझ में अन्याय पूर्ण व्यवस्था का शिकार होना पड़ता है। अनेक कानून पास होने पर भी महिलाएं भेदभाव का शिकार होती हैं। उनके अनुसार किसान आन्दोलन में महिलाएं अपने घर के कामकाज पूरा करके बराबर की भागीदारी कर रही हैं। इसलिए यह आन्दोलन महिलाओं के अधिकारों व बराबरी की मांग उठाता है और उनके उत्पीड़न पर पूरी तरह अकुंश लगाने की मांग करता है।     

 कितलाना टोल पर 190वें दिन धरने की अध्यक्षता सांगवान खाप के कन्नी प्रधान सुरजभान सांगवान, फोगाट खाप से राजबीर टिकान, श्योराण खाप के प्रधान बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से प्रताप सिंहमार, बलबीर सिंह बजाड़, रामफल देशवाल, सुभाष यादव, महिला नेत्री विद्या देवी कौंट, सन्तरा डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि भयंकर गर्मी पड़ने के बाद भी किसान- मजदूरों के हौंसले बुलुन्द हैं और तीन काले कानून रद्द होने तक ये जोश बरकरार रहेगा।       

 धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरेन्द्र कुब्जानगर, धर्मेन्द्र छपार, शब्बीर हुसैन, सुखदेव पालवास, सुबेदार सतबीर सिंह, समुन्द्र सिंह धायल, कमल प्रधान,जगदीश हुई, दिलबाग ढुल, मंगल सूई, वजीर फोगाट, देशराम भाण्डवा, सत्यवान कालूवाला, बलजीत मानकावास, महीपाल छ्पार, सुरता चमार, ओम नम्बरदार , राजबाला कितलाना, मन्साराम साहूवास, लवली संरपच इत्यादि मौजूद थे।

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