देवालयों में देव पूजन से मिलती है आत्म शक्ति और आत्मबलभारतीय सनातन संस्कृति में मंदिर और देव प्रतिमाएं जरूरीसंता वाला प्राचीन शिव मंदिर में देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा फतह सिंह उजालापटौदी । देव प्रतिमाएं हमारी अपनी प्राचीन सनातन संस्कृति का सबसे मजबूत आधार स्तंभ है । देवालयों में पूजन करने से प्रत्येक व्यक्ति को आत्मबल आत्म शक्ति और असीम शांति भी प्रदान होती है । विभिन्न देव प्रतिमाएं हम सभी को किसी न किसी रूप में शिक्षा देने के साथ-साथ हमारी अपनी शक्ति का भी पहचान कराने का काम करती है । यह बात पटौदी नगर पालिका के पूर्व पार्षद सुनील गर्ग ने गुरुवार को संता वाला प्राचीन शिव मंदिर परिसर में पांच देव प्रतिमाओं की विधि विधान एवं मंत्रोच्चारण के बीच प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत कहीं । इससे पहले देवताओं में सबसे पहले पूजन किया जाने वाले भगवान श्री गणेश के साथ-साथ मर्यादा पुरुषोत्तम राम दरबार, राधा कृष्ण, शक्ति का प्रतीक माता दुर्गा रानी और शनि महाराज की प्रतिमाओं का विधि विधान और मंत्रोच्चारण के बीच अनेक श्रद्धालुओं की मौजूदगी में प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले इन सभी देव प्रतिमाओं की नगर परिक्रमा भी कराई गई । देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर आयोजित हवन यज्ञ में मुख्य रूप से सुनील गर्ग एवं मीनू गर्ग, वेद प्रकाश शर्मा एवं सरोज शर्मा ,सुधीर गर्ग एवं खुशबू गर्ग ,सुमित गौड एवं बुलबुल गौड तथा विशेश्वर दयाल गोयल यजमान के रूप में मौजूद रहे और देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर हवन यज्ञ करते हुए देवी देवताओं के नाम आहूतिया अर्पित कर सभी की मौजूदगी का आह्वान भी किया गया। भारतीय सनातन संस्कृति के पहचान रखने के साथ धर्म ज्ञान के प्रसार प्रचार के लिए सैकड़ों वर्ष पुराने संता वाला प्राचीन शिव मंदिर में इस धार्मिक उत्सव के मौके पर विशेष रुप से पटौदी नगर पालिका के चेयरमैन चंद्रभान सहगल, पूर्व वाइस चेयरमैन राधेश्याम मक्कड़ ,वेद प्रकाश शर्मा ,जय प्रकाश मिश्रा, फहीम मिर्जा बेग, हरभगवान खुराना, कैलाश चंद्र, लवकेश गुप्ता, संजीव जनौला सहित बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु भी मौजूद रहे । देव प्रतिमाओं में भगवान श्री गणेश, राम दरबार ,राधा कृष्ण ,माता दुर्गा रानी और शनि महाराज की धर्माचार्यों के द्वारा मंदिर परिसर में विभिन्न स्थानों पर संपूर्ण विधि विधान एवं मंत्रोचारण के बीच प्राण प्रतिष्ठा कराई गई । देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा का एक अलग ही भारतीय सनातन संस्कृति में महत्व और मान्यता है । प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत मान्यता के मुताबिक देव प्रतिमाओं के समक्ष मांगी गई मन्नतें अवश्य पूरी होती हैं । इसी मौके पर सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद का भी वितरण किया गया। Post navigation बुधवार को भी हेलीमंडी में पानी के लिए मचा रहा हा-हा कार … तो क्या अब पीने का पानी भी किस्तों में ही मिलेगा ?