एक बार फिर गुरुवार को सुबह नहीं मिला जरूरत का पानी.
बादली के मुख्य बूस्टर पर बिजली फाल्ट का होना बना रहस्य.
बुधवार रात को ही खाली हो चुके थे चारों बूस्टर के टैंक

फतह सिंह उजाला ।
पटौदी । 
   जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, पटौदी क्षेत्र में पानी पानी के संकट के साथ बिजली कटौती का भी खेल शुरू हो चुका है । सबसे बड़ी समस्या पटौदी और हेली मंडी दोनों ही पालिका क्षेत्रों में पेयजल की समस्या को लेकर बनी हुई है । पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से नहरी पेयजल आधारित करोड़ों रुपए की परियोजनाओं से बनाए गए बूस्टर पर निर्भर है ।

बीते कई दिनों से आम जनमानस को पानी के संकट से गर्मी के मौसम में परेशान होने को मजबूर किया जा चुका है । सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को सुबह पटौदी नगर पालिका में मोती डूंगरी और शिव मूर्ति के पीछे पेयजल आपूर्ति के लिए बने दोनों बूस्टर में इतना भी पानी उपलब्ध नहीं था कि 5 मिनट के लिए भी पेयजल की आपूर्ति संभव हो सके । यही हालात हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में हेली मंडी और जाटोली इलाके के बूस्टर के बारे में भी बताई गई है । यहां भी दोनों बूस्टर पर बुधवार रात को ही पानी का स्टॉक पूरी तरह से निल हो चुका था अर्थात बूस्टर में इतना भी पानी उपलब्ध नहीं था की दो -चार मिनट के लिए ही बूस्टर की मोटर को चलाना ही संभव हो सके।

पानी आम इंसान ही नहीं बेजुबान जानवरों के जीवन के लिए मूलभूत जरूरत है । वैसे भी कहावत है बिन पानी सब सून , जब पानी ही उपलब्ध नहीं होगा तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है गर्मी हो या सर्दी आम इंसान की दिनचर्या और गृहणियों के लिए घर का काम कजा सहित रसोई में भोजन बनाना अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती बन जाता है।  14 नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के द्वारा पटौदी और हेली मंडी में नहरी पेयजल आधारित करोड़ों रुपए की परियोजना का उद्घाटन किया गया, लेकिन यह बात कहने में कोई झिझक नहीं है कि उद्घाटन के कुछ दिन बाद ही 41 करोड रुपए से अधिक वाली इस नहरी पेयजल आधारित परियोजना की धीरे-धीरे करके सारी पोल पट्टी खुलना आरंभ हो गई कि किस प्रकार से शासन प्रशासन विशेष रुप से जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग और इस के वरिष्ठ अधिकारियों सहित स्थानीय अधिकारियों के द्वारा वाही वाही लूटने के लिए आधे अधूरे प्रोजेक्ट का उद्घाटन करवा दिया गया ।

उद्घाटन के 2 साल बाद तक भी जहां जहां पानी की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन डाली जाने थे , वहां नहीं डाले जा गए। कथित रूप से आज भी पटौदी और हेलीमंडी दोनों ही नगरपालिका क्षेत्रों में बहुत से ऐसे इलाके हैं जहां पर पटौदी और हेली मंडी शहर के कुल चार बूस्टर से पानी आपूर्ति के लिए पेयजल के पाइप लाइन नहीं डाले जा सके हैं । यह बात तो अलग है असली मुद्दा है की बूस्टर में पानी क्यों नहीं पहुंच पा रहा है या फिर नहर में ही पानी उपलब्ध नहीं है ? यह दोनों बातें एक साथ होना संभव ही नहीं है । एक तरफ हरियाणा सरकार दावा कर रही है कि हर घर नल में पानी पहुंचाया जाएगा और दूसरी ओर किस प्रकार से आम जनमानस नियमित अंतराल पर बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है । यह भी हकीकत सरकार सहित शासन प्रशासन और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग को स्वीकार करनी ही होगी ।

जानकारी के मुताबिक बुधवार रात को पटौदी और हेली मंडी इलाके के चारों बूस्टर में पानी का लेवल औसतन 9 फुट तक बताया गया , जबकि जरूरत के मुताबिक पानी आपूर्ति के लिए बूस्टर में पानी का लेवल कम से कम 10 फुट होना अनिवार्य है । इसी बीच बिजली की कटौती का का भी एक नया खेल आरंभ हो चुका है। बिजली कब और कितने समय के लिए गायब हो जाए , इसके विषय में पटौदी बिजली निगम के अधिकारियों के द्वारा समय रहते किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी जा रही है । जब भी कभी किसी अधिकारी से फोन किया जाए रटा रटाया जवाब मिलता है की लाइन में फाल्ट है । इसके अलावा कोई ठोस या संतोषजनक जवाब नहीं मिलता । कहीं ऐसा तो नहीं है कि बिजली की बढ़ती खपत के साथ ही पावर हाउस की कैपेसिटी थी कम हो चुकी है ।बुधवार देर रात को पानी की आपूर्ति के बाद पटौदी और हेली मंडी के सभी बूस्टर के टैंक खाली हो चुके थे । सूत्रों के मुताबिक इस संदर्भ में जानकारी बूस्टर के ऑपरेटर स्टाफ के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी थी , इसी बीच में टका सा जवाब यह सामने आया कि बादली मुख्य बूस्टर पर बिजली का फाल्ट होने के कारण पानी की आपूर्ति रोक दी गई है। बादली मुख्य बूस्टर पर नियमित अंतराल पर बिजली का फाल्ट होना भी एक अपने आप में रहस्य बना हुआ है कि वहां पर ऐसी क्या तकनीकी खामियां हैं कि बार-बार बिजली के फाल्ट बदली में ही होते आ रहे हैं ।

गुरुवार को भी सुबह से ही आम जनमानस गर्मी के मौसम में आंख खुलने के साथ पानी आपूर्ति का इंतजार करने लगा। गृहणियां अपनी चूल्हा चैकी की तैयारी में लगी थी । पानी आपूर्ति का समय भी हो गया , लेकिन पानी की एक बूंद भी उपलब्ध नहीं हो सकी। पटोदी और हेली मंडी इलाके में इस जबरदस्त पानी के संकट को लेकर क्षेत्र के विधायक एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता को भी निरंतर जानकारियां और शिकायतें आम लोगों के द्वारा की जा रही है। इसी बीच एक बेहद राहत भरी जानकारी यह भी मिली है कि हेली मंडी बूस्टर में बिजली नहीं होने की स्थिति में यहां रखे जनरेटर पर चलाने के लिए 50 लीटर डीजल जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपनी दरियादिली दिखाते हुए उपलब्ध करवा दिया है । जबकि यहां पर 160 किलो वाट का जनरेटर रखा हुआ है । दूसरी ओर यदि किन्हीं कारणों से ऐसे हालात बन जाएं या बिजली का कोई बड़ा फॉल्ट हो जाए की एक या 2 दिन बिजली का फाल्ट सही नहीं हो तो बादली से पानी की आपूर्ति किस प्रकार की जा सकेगी ? आपात स्थिति में सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों के अंदर एक विशेष कार्य योजना के तहत पूरी रणनीति बनाई जाने का भी प्रावधान है । लेकिन आम आदमी के जिंदा रहने के लिए मूलभूत जरूरत का पानी उपलब्ध करवाने की दिशा में आपात स्थिति में भी किसी प्रकार से कोई राहत नहीं मिल रही है । जिस प्रकार से पानी का संकट गहराता जा रहा है , गर्मी के मौसम में अब लोगों का गुस्सा भी गर्म होता दिखाई दे रहा है। पानी की समस्या पर जल्द ही काबू पाकर नियमित रूप से आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई तो इस बात की संभावना से बिल्कुल भी इनकर नहीं की आम जनता सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेगी।

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