–टोल पर धूमधाम से मनाई कबीर साहेब जी की जयंती।–कितलाना टोल पर धरने के 182वें दिन संत कबीर जयंती पर मजदूरों का ऐलान किसानों के संघर्ष में डटकर देंगे साथ चरखी दादरी जयवीर फोगाट 24 जून – संत शिरोमणि कबीर ने अपने पूरे जीवनकाल में लोगों के बीच प्रेम, सद्भाव और एकता कायम करने का प्रयास किया। यह बात खाप चालीस धानक समाज के प्रधान राजेन्द्र सोलंकी ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर मनाई गई संत कबीर जयंती को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संत कबीर स्वच्छंद विचारक थे जिन्होंने समाज में व्याप्त समस्त रूढ़ियों और आडम्बरों का डटकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि संत कबीर ने हिन्दू, मुस्लिम एकता का निरंतर प्रयास किया। अशिक्षित होते हुए संत कबीर का हिंदी साहित्य जगत में विशिष्ट स्थान है। संत कबीर सच्चे अर्थों में समाज सुधारक थे। उन्होंने कहा कि कबीर जी ने स्वर्ग और नर्क को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को तोड़ने के लिए एक बड़ी मिसाल पेश की। अपना पूरा जीवन काशी में बिताने वाले संत कबीर ने अपने अंतिम समय के लिए एक ऐसे स्थान को चुना, जिसे उन दिनों अंधविश्वास कायम था कि वहां पर मरने से व्यक्ति नरक में जाता है। उन्होंने कहा कि संत कबीर को हिन्दु और मुस्लिम समुदाय में बराबर का सम्मान प्राप्त था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मगहर में देह त्यागने वाले संत कबीर की आज वहां समाधि और मजार दोनों है। आज कितलाना टोल पर धरने पर संत कबीर युवा समिति (धानक समाज) साहुवास ने किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले विभिन्न खाप और संगठनों से जुड़े लोगों का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और धरनारत किसान- मजदूरों में प्रसाद वितरण किया। धरने के 182वें दिन खाप चालीस धानक समाज के प्रधान राजेंद्र सोलंकी चरखी, पूर्व सरपंच भगवान दास, धर्मबीर मानकावास, सुखदेव पालवास, प्रेम कुमारी अचीना, कुलवंत रंगा, राकेश मोरवाल, मामनराम, रविन्द्र इंदौरा, हवासिंह मोरवाल ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसान इस आंदोलन में अकेले नहीं हैं और मजदूर वर्ग डटकर देश के अन्नदाताओं के साथ है और जब तक तीनों काले कानून रद्द नहीं होते हम पीछे नहीं हटेंगे। धरने का मंच संचालन सुशील धानक ने किया। इस अवसर पर संतोष देशवाल, कमलेश भैरवी, जसबीर बॉक्सर, संदीप खनगवाल, बलजीत, रवि खनगवाल, प्रवीण खनगवाल, दीपक धानक, धनराज, आशा, लता, पिंकी, गुलकेश, अनीता, अनूप, संतोख धानक, मुकेश, सुनील, दिनेश, सोनू, धर्मेन्द्र इत्यादि मौजूद थे। Post navigation सतगुरु दर्शन, नाम के सुमिरन से सारे पाखण्ड छूट जाते हैं : हुजूर कंवर साहेब जी महाराज टिकरी बॉर्डर पर धरनारत किसानों के लिए खाद्य सामग्री लेकर दादरी से जत्था हुआ रवाना