र्स्टीफाईड बीज के नाम किसानो के साथ ठगीर्स्टीफाईड बीज के नाम किसानो को दिया जा रहा अनाज मामले की जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो करेगा चंडीगढ़। हरियाणा सीडस डेवलेपमैंट निगम लिमिटेड पंचकूला में किसानों को र्स्टीफाईड बीज के नाम पर अनाज दिए जाने का मामला सामने आया है। एचएसडीसी में किसानो को अच्छी किस्म के बीज उपलब्ध करवाने के नाम पर बहुत बडी ठगी की जा रही है। एचएसडीसी में बिना जमीन वाले भी किसान बनकर, व्यापारी, अधिकारी भी इस फर्जीवाड़े में शामिल बताए जा रहे हैं। मामले की जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो करेगा। बताया जा रहा है कि पिछल्ले कई सालो से हरियाणा सीडस डेवलेपमैंट निगम लिमिटेड की आड में उच्च अधिकारियो की मिली भगत से प्रदेश के किसानो को बीज उपलब्ध करवाने के नाम पर एक बहुत ही बड़ा नकली बीज माफिया कार्य कर रहा है। जिसके पास खूद की कोई भी जमीन नही है। जो औने पौने दाम पर यूपी, हरियाणा, राजस्थान की मंड़ियो से सस्ते दामों बीज के नाम पर गेहु खरीद कर एचएसडीसी के प्लांटो में सप्लाई दे रहा है। वही गेहु र्स्टीफाईड बीज तैयार करके दूबारा किसानो को बीज बेच जा रहा है। इस र्स्टीफाईड बीज के नाम पर एमएसपी से उपर 500 रूपए प्रति क्विेंटल इंसैंटिव के रूप में एचएसडीसी से वसुला जा रहा है। बीज के नाम पर किसान के साथ ठगी करने के खेल में एचएसडीसी के अधिकारी भी मिले हुए है, जो 200 रूपए प्रति क्विेटल रिश्व्त के रूप में वसूल रहे है। जो मंडी के गेहु को र्स्टीफाईड बीज तैयार करके दूबारा किसानो को बीज के रूप में बेच रहे है। इस कार्य में कृर्षि विभाग के अधिकारी भी शामिल है। किसान एचएसडीसी का बीज समझ कर खरीद कर रहे है। जिसके कारण किसान की पैदावार घट रही है। एचएसडीसी किसानो को फॉऊंडेसन बीज देता है उसके बाद किसान फॉऊंडेसन बीज तैयार कर देते है। हरियाणा सीडस डेवलेपमैंट निगम लिमिटेड में 2019 से व उससे पहले भी फर्जी किसान बन कर अपने परिवार व अपने रिश्तेदारो के नाम बीज की भूमि दिखाकर एचएसडीसी को बीज सप्लाई किया जा रहा है। 1974 में हुई थी एचएसडीसी की स्थापना हरियाणा सरकार ने प्रदेश के किसानो को अच्छी किस्म के बीज उपलब्ध करवाने के नाम पर 1974 में हरियाणा सीडस डेवलेपमैंट निगम लिमिटेड की स्थापना की थी। एचएसडीसी किसानो को फॉऊंडेसन बीज देता है उसके बाद किसान फॉऊंडेसन बीज तैयार कर देते है। एचएसडीसी इसे अपने प्लांटो में परोसैस करके र्स्टीफाईड बीज तैयार करके दूबारा किसानो को बीज बेचता है। जिसके लिए पूरे प्रदेश में उमरी, हिसार, सिरसा, यमुनानगर, टोहाना, और पटोदी 6 सीड़ प्ररोसैसिंग प्लाट है। जिसका रेट भी 3500 रूपए एचएसडीसी तय करता है। उस पर भरत सरकार 1000 रूपए की सब्सिडी देती है। जो 2500 रूपए में पडता है। बताया जा रहा है कि पिछल्ले कई सालो से एचएसडीसी की आड में उच्च अधिकारियो की मिली भगत से प्रदेश के किसानो को बीज उपलब्ध करवाने के नाम पर एक बहुत ही बड़ा नकली बीज माफिया कार्य कर रहा है। जिसके पास खूद की कोई भी जमीन नही है। जो औने पौने दाम पर यूपी, हरियाणा, राजस्थान की मंड़ियो से सस्ते दामों बीज के नाम पर गेहु खरीद कर एचएसडीसी के प्लांटो में सप्लाई दे रहा है। वही गेहु र्स्टीफाईड बीज तैयार करके दूबारा किसानो को बीज बेच जा रहा है। इस र्स्टीफाईड बीज के नाम पर एमएसपी से उपर 500 रूपए प्रति क्विेंटल इंसैंटिव के रूप में एचएसडीसी से वसुला जा रहा है। बीज के नाम पर किसान के साथ ठगी करने के खेल में एचएसडीसी के अधिकारी भी मिले हुए है, जो 500 रूपए प्रति क्विेटल इंसैंटिव में से 200 रूपए प्रति क्विेटल रिश्वत के रूप में वसूल रहे है। जो मंडी के गेहु को र्स्टीफाईड बीज तैयार करके दूबारा किसानो को बीज के रूप में बेच रहे है। इस कार्य में कृर्षि विभाग के अधिकारी भी शामिल है। किसान एचएसडीसी का बीज समझ कर खरीद कर रहे है। जिसके कारण किसान की पैदावार घट रही है। फर्जीवाडे में एचएसडीसी के निदेशक भी शामिल एचएसडीसी में मोहिन्द्र सिंह नामक निदेशक के पास हिसार जिले में उसकी खूद की लगभग 3 एकड़ तीन है। मोहिन्द्र सिंह ने 2019 में सैकड़ो एकड़ फर्जी अपने परिवार व अपने रिश्तेदारो के नाम बीज की भूमि दिखाकर एचएसडीसी को बीज सप्लाई किया। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि महेंद्र सिंह व उनके परिजनों पर 15,75,586 रुपए की रिकवरी बनती है। इस फर्जी बीज मायाजाल में एचएसडीसी, इफको व कृभको के अधिकारी भी शामिल है। जबकी निदेशक का परिवार 3 एकड़ का मालिक है। फॉंँऊडेसन सीड निगम से नकद लेना होता है, मगर एचएसडीसी के अधिकारियो की मेहरबानी के कारण उपरोक्त निदेशक को उधार में दिया गया। इसी प्रकार नकली बीज के धंधें में करनाल जिले के गांव अमपुर के डा. परवेश ने भी फर्जी कागजात दिखाकर सैकडो एकड़ का बीज एचएसडीसी को सप्लाई किया। 2019 में एनएससी व अन्य एजैंसियों से भी दिया, जिसमें करोडों रूपए की धांधली हुई। यह पूरा मामला मनी लांडरी का बताया जा रहा है, क्योकी फर्जी किसान बनकर मंड़ियो से बीज के रूप में गेहु खरीदा है। अपनी ब्लैक मनी को वाईट मनी में कंवरट किया। फर्जी बीज सप्लाई का कंट्रैक्ट प्रौगाम दिखाकर एचएसडीसी को लाखो रूपए का चुना लगाया जा रहा है। इस फर्जी बीज मायाजाल में एचएसडीसी, इफको व कृभको के अधिकारी भी शामिल है। संजीव वर्मा एमडी एचसीडीसी ने शिकायत मिलने पर जांच करवाई तो फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। निगम के ही एक वर्तमान व एक पूर्व डायरेक्टर ने भी फर्जीवाड़ा में शामिल मिले। जांच में रिकवरी करने और केस बनाने की सिफारिश की गई है। मामले की जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो करेगा। सरकार व किसानो को करोड़ो रुपए की चपत लगाई है, बल्कि उन किसानों के साथ भी धोखा किया गया, जिन्हें अच्छे बीज के नाम घटिया बीज दे दिया गया। स्कीम में किसानों के लिए जांच होगी जेपी दलाल, कृषि मंत्री ने बताया कि कम व बिना जमीन के कुछ लोगों पर बीज बनाने का प्रोग्राम लेने का मामला सामने आया है। मामलें में गड़बड़ी की सम्भावना है। विजिलेंस जांच की सीएम से सिफारिश की गई है। किसी अधिकारी-कर्मचारी की मिलीभगत मिली तो कार्यवाही होगी। Post navigation हर आर्टिस्ट की आवाज बनेंगी नोर्थ इंडिया एसोसिएशन ऑफ आर्टिस्ट —- आरती राजपुत हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष का पंचकूलावासियों के लिये विकास की नई परियोजनाओं का क्रम जारी