—कितलाना टोल पर धरने के 174वें दिन किसानों पर बनाये जा रहे मुकदमों की हुई कड़ी निंदा

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

16 जून, सरकार टकराव के हालात बनाने की बजाये बातचीत के रास्ते पर आगे बढ़े ताकि लंबे समय से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन का हल निकल सके। यह बात दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान चालीस के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा मौके बेमौके किसानों पर दर्ज किये जा रहे मुकदमों पर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि कहीं पर भी विवाद खड़ा करने की पहल किसानों की और से नहीं हुई बल्कि विवाद के अवसर सरकार ने घड़े ताकि किसानों को  कानूनी शिकंजे में बांधकर उन्हें उलझाया या डराया जा सके।         

 इस मौके पर पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार रोज नई स्कीम वर्चवली (ऑनलाइन) लांच करती है तो कैमला (करनाल) व हिसार के कार्यक्रम भी वर्चवली सम्पन्न किये जाने में क्या परेशानी थी। उसी तरह भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ झज्जर में अपने पार्टी कार्यालय का उद्घाटन ऑनलाइन कर सकते थे लेकिन भाजपा की रणनीति यह है कि हिंसक टकराव के हालात बनाओ व उसके लिये किसानों को बदनाम करो।उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार ने किसानों के खिलाफ बहुत षड़यन्त्र रचे पर हर बार मुंह की खानी पड़ी है व आगे भी भाजपा के मंसूबे परवान नहीं चढ़ेंगे। देश का हित इसी में है कि टकराव का रास्ता छोड़ भाजपा सरकार किसानों से बात करे व जल्द तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर एमएसपी को कानूनी गारन्टी दे।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर धरने के 174वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप के प्रवक्ता शमशेर फौगाट, मास्टर राजसिंह, गंगाराम श्योराण, रत्तन जिंदल, रणधीर कुंगड़, रतन्नी देवी, चंद्रकला, मलही, कमलेश भैरवी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता  की। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूरों मुकदमों से डरने वाले नहीं है। सरकार सीधे रास्ते चलकर किसानों से बातचीत करे।धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया।

इस अवसर पर दहिया खाप के प्रधान सुरेंद्र दहिया, सुरजभान झोझू, सुरेंद्र कुब्जानगर, प्रभुराम रिटायर्ड रोडवेज इंस्पेक्टर, उदय सिंह फौगाट, फतेह सिंह रिटायर्ड जेई, मंगल सिंह, जागेराम डीपीई, ओमप्रकाश दलाल, रमेश सरपंच गुडाना, संजय सरपंच बादल, महेंद्र, राजेश, आंनद, रामनिवास मेहड़ा, अत्तर सिंह धायल, राजबीर धायल, कुलदीप धायल, बलबीर बजाड़, सुखबीर धायल, संजय मानकावास इत्यादि मौजूद थे।

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