कितलाना टोल पर धरने के 159वें दिन जजपा विधायक देवेंद्र बबली द्वारा फतेहाबाद में किसानों के साथ दुर्व्यवहार की कड़ी आलोचना

चरखी दादरी/भिवानी जयवीर फोगाट,

1 जून, योग के नाम पर प्रसिद्धि पाकर सरकारों की मदद से फर्श से अर्श पर जाने वाले रामदेव ने बड़ा कारोबार खड़ा कर महापूंजीपतियों की कतार में शामिल हो गए हैं और इससे उनमें गुरुर हो गया है कि वे मानसिक संतुलन खोकर एलोपैथी डॉक्टरों को लेकर उल्टी सीधी बयानबाजी पर उतर आए हैं। सरकार को अविलंब रामदेव पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा बनाना चाहिए। यह मांग अनेक वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि रामदेव अपने फायदे के लिए वैज्ञानिक सोच का विरोध कर रहे हैं जो महज अंधविश्वास को बढ़ावा देना है।            

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में वैज्ञानिक आधारित पद्वति ऐलोपैथी ने करोड़ों लोगों की जान बचाई है। हजारों डॉक्टरों, नर्सिंग और पैरा मैडीकल स्टाफ ने बिना अपनी जान की परवाह करते हुए कोरोना योद्धा बन जनता को बचाया है। इस दौरान बहुत से डाक्टरों, मैडीकल स्टाफ ने जान की कुर्बानी भी दी है। रामदेव ने इन सब पर उंगली उठाकर उन सब की कुर्बानी की तौहीन की है जो असहनीय है।           

 उन्होंने कहा कि कोरोना काल के प्रथम चरण में रामदेव ने इस बीमारी के इलाज की दवाई बनाने का दावा किया था। जिसे मेडिकल कौंसिल ने तय मानकों पर खरा ना उतरने के कारण खारिज कर दिया था। आज उसी दवा के वितरण के लिए हरियाणा सरकार ने रामदेव से हाथ मिलाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को जिसे हथकड़ी पहनानी चाहिए उसे मालामाल करने पर तुली है।         

 किसानों ने आज टोहाना से जजपा विधायक देवेंद्र बबली द्वारा किसानों को अपशब्द कहने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बबली अपने इस कृत्य के लिए तुरंत माफी मांगें अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे। किसानों ने रोषस्वरूप टोल के सामने सड़क पर सरकार और विधायक देवेंद्र बबली के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।           

इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, गंगाराम श्योराण, सुरेंद्र कुब्जानगर, कमल प्रधान, राजबीर फौगाट, वजीर फौगाट, महताब डागर, पवन फौगाट नम्बरदार, कामरेड ओमप्रकाश, बलबीर बजाड़, सुखदेव पालवास, मास्टर राजसिंह, महाबीर बडेसरा, रामफल देशवाल, संतोष देशवाल, कप्तान रामफल, सत्यवान कालुवाला, कमल सिंह झोझू, पूर्व सरपंच बलवान, ओमप्रकाश दलाल, राजेन्द्र घिकाड़ा, ओम प्रजापत इत्यादि मौजूद थे।